योग गुरु रामदेव के पतंजलि ब्रैंड की सफलता का पुरे आयुर्वेदिक कन्ज्युमर प्रोडक्ट्स सेगमेंट के माहौल पर असर हुआ है । ताजा आंकडों के मुताबिक, इस ब्रैंड के कारण इस सेगमेंट ने ग्रोथ के मामले में पुरी कन्ज्युमर प्रोडक्ट्स इंडस्ट्री को पछाड दिया है । आयुर्वेद प्रोडक्ट्स की पहुंच अब ७७ प्रतिशत भारतीय घरों तक हो गई है । दो साल पहले यह आंकडा ६९ प्रतिशत था । हिंदुस्तान युनीलीवर और कोलगेट पामोलिव समेत टोप फास्ट मुविंग कन्ज्युमर गुड्स कंपनियां नैचरल प्रोडक्ट्स लोन्च कर रही है औऱ पतंजलि और डाबर जैसे बाकी आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनियो को रोकनो के लिए अपनी पहुंच का दायरा बढा रही है । डब्ल्युपीपी की कन्ज्युमर इनसाइट्स इकाई कंटार वर्ल्डपैनल के मुताबिक, मार्च २०१७ को खत्म क्वोर्टर में एक साल पहले के इसी पीरियड के मुकाबले आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स की ग्रोथ ६० फीसदी रही, जबकि पुरे एफएमसीजी सेगमेंट की ग्रोथ ६ फीसदी रही । संबंधित क्वोर्टर में एफएमसीजी सेगमेंट ने २८ लाख घरों तक पहुंच बनाई । उसकी पहुंच बढकर २७.५ करोड घरों तक हो गई । इसी दौरान आयुर्वेदिक बैंड्स का जुडाव २.३ करोड घरों तक हुआ और ऐसे ब्रैड्स की पहुंच बढकर १८.३ करोड घरों तक हो गई । एक्सपर्टस के मुताबिक इस सेगमेंट में जबरदस्त ग्रोथ की वजह पतंजलि है, जिसने टुथपेस्ट, शैंपु और बिस्कुट जैसे कुछ आयुर्वेद आधारित प्रोडक्ट्स के साथ कन्ज्युमर प्रोडक्ट्स स्पेस में एचयुएल, कोलगेट और नेस्ले जैसी मल्टीनैशनल कंपनियो को चुनौती दी । इन प्रोडक्ट्स के कारण कंपनी एक दशक से भी कम में १०,००० करोड रुपये की कपनी बन गई । इससे एफएमजी खिलाडियों को नैचरल सेगमेंट में एंट्री की प्रेरणा मिली । फ्युचर ग्रुप में एफएमसीजी और ब्रैड्स के ग्रुप प्रेजिडेंट देवेद्र चावला ने बताया, जिन कंपनियो के पोर्टफोलियो में आयुर्वेदिक या नैचरल प्रोडक्ट्स की कमी थी, वे अब इस सेगमेंट को तवज्जो दे रही है । उन्हें लग रहा है कि इस सेगमेंट में जबरदस्त मौका है और कंज्युमर्स इसी दिशा में भाग रहे है ।
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