बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव एक बार फिर विवादों में हैं । लालू यादव पर आरोप हैं कि उन्होने सरकारी खर्चे पर अपना इलाज करवाया । सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सो ने उनके बेटे के आवास पर रहकर उनका इलाज किया । गौर हो कि लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव स्वास्थ्य विभाग के मंत्री भी हैं । विपक्ष इस मुद्दे पर सवाल उठा रहा हैं । भाजपा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कार्रवाई की मांग की हैं । मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी अस्पताल आईजीआईएमएल के चीफ डोक्टर मरीजों को छोड़ लालू का इलाज करने चल दिए । लालू के आवास १० सर्कूलर रोड़ पर तीन डोक्टर्स और दो पुरुष नर्स की तैनाती की गई । ये तैनाती ३१ मई से ८ जून तक के लिए की गई । लालू की सेवा के लिए तीन मुख्य डोक्टर और दो पुरुष नर्सो को उनकी देखभाल के लिए उनके घर में तैनात किया हुआ हैं जिनमें लालू के लिए क्रिटिकल केयर और न्यरों ओटी के लिए नर्सो को भी लगाया गया हैं । लालू के लिए सरकारी डोक्टरों की तैनाती पर भाजपा नेता सुशील मोदी ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा । उन्होने कहा कि अघर लालू ज्यादा बीमार थे तो उन्हें अस्पताल में भर्ती होना चाहिए था । उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि नीतीश की हिम्मत नहीं है कि वह स्वास्थ्य मंत्री को बुलाकर इस बारे में पूछ भी ले । सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश को स्वास्थ्य मंत्री को बुलाकर डांटना चाहिए था । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को सोचना चाहिए कि बिहार की इमेज खराब हो रही हैं । सीएम को चिंता होनी चाहिए कि ऐसी चीजों पर अंकुश कैसे रखें भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सरकारी सर्वे पर सरकारी डोक्टरों से लालू यादव अपना इलाज करवा रहे हैं ।
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