राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विभिन्न पार्टियां तैयारियों में जुट गई हैं । सत्ताधारी भाजपा ने सोमवार को एक तीन सदस्यीय कमिटी के गठन का ऐलान किया। यह कमिटी राष्ट्रपति कैंडिडेट के मुद्दे पर विपक्ष समेत विभिन्न राजनीतिक दलों से बातचीत करके एकराय बनाएगी । अटकलें है भाजपा के ओर से शिरोमणि अकाली दल के सीनियर लीडर और पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता हैं । सूत्रों के मुताबिक भाजपा का मानना हैं कि बादल के नाम पर न केवल एनडीए, बल्कि यूपीए की कुछ पार्टिया एनसीपी भी सहमति दे सकती हैं । एनसीपी के एक शीर्ष नेता ने बताया कि भाजपा चीफ अमित शाह से हमें बादल साहब के बारे में संकेत मिला । उनका विरोध करना मुश्किल होगा । अकालियों के साथ इमर्जेंसी के खिलाफ लड़ने वाली डीएमके जैसी पार्टियां भी उनके नाम को चुनौती नहीं देगी । भाजपा की कमिटी में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, शहरी विकास मंत्री वेकैंया नायडू और वित्त व रक्षा मंत्री अरुण जेटली को शामिल किया गया हैं । अटकलों की मानें तो खुद नायडू राष्ट्रपति पद के लिए दिलचस्पी दिखा रहे थे । सूत्रों के मुताबिक नायडू को पैनल में शामिल करने की मतलब यही है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए उनकी संभावनाएं खत्म हो चुकी हैं । विपक्षी पार्टियों की बात करें तो वे भाजपा की ओर से एकराय वाले कैंडिडेट का नाम आने लाने को लेकर आश्वस्त नजर नहीं आ रही । एनसीपी लीडर तारिक अनवर ने बताया कि हमें नहीं लगता कि भाजपा किसी आरएसएस बैकग्राउंड वाले शख्स को नजरअंदाज करके बादलजी को उम्मीदवार बनाएगी ।
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