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चंद्रमा के और करीब पहुंच गया भारत का चंद्रयान-२

भारत का चंद्रयान-२ दिन-ब-दिन चांद के नजदीक पहुंचता जा रहा है । इस बार चंद्रयान-२ ने चांद की सतह से ४३७५ किलोमीटर की ऊंचाई से तस्वीरें क्लिक की हैं । २३ अगस्त को खींची गईं इन तस्वीरों में कई क्रेटर्स को भी चिह्नित किया गया है । इनमें प्रफेसर शिशिर कुमार मित्रा के नाम पर नामित ‘मित्रा’ क्रेटर को भी चिह्नित किया गया है । इसके पहले चंद्रयान-२ ने २१ अगस्त को तस्वीरें क्लिक की थीं, जिनमें मरे ओरिएंटल बेसिन और अपोलो क्रेटर्स को चिह्नित किया गया था । इस बार और नजदीक से लिए गए फोटो में जैक्सन, माच, मिश्रा और कोरोलेव क्रेटर्स को देखा जा सकता है । इसमें के जैक्सन क्रेटर का व्यास ७१.३ किलोमीटर बताया गया है । ये सभी तस्वीरें २३ अगस्त को क्लिक की गई हैं । इससे पहले इसरो ने ४ अगस्त को चंद्रयान-२ की ओर से भेजी गईं पृथ्वी की तस्वीरें शेयर की थीं । लैंडर-विक्रम ६ सितंबर को चांद पर पहुंचेगा और उसके बाद प्रज्ञान यथावत प्रयोग शुरू करेगा । अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथा देश है, जिसने चंद्रमा पर अपना मिशन भेजा है । लैंडिंग के बाद ६ पहियों वाला प्रज्ञान रोवर विक्रम लैंडर से अलग हो जाएगा । इस प्रक्रिया में ४ घंटे का समय लगेगा । यह १ सेमी प्रति सेकंड की गति से बाहर आएगा । १४ दिन यानी १ ल्यूनर डे के अपने जीवनकाल के दौरान रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर ५०० मीटर तक चलेगा । यह चांद की सतह की तस्वीरें और विश्लेषण योग्य आंकड़े इकट्ठा करेगा और इसे विक्रम या ऑर्बिटर के जरिए १५ मिनट में धरती को भेजेगा । चांद की सतह पर पहुंचने के बाद लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) १४ दिनों तक ऐक्टिव रहेंगे । २७ किलोग्राम का रोवर ६ पहिए वाला एक रोबॉट वाहन है । इसका नाम संस्कृत से लिया गया है, जिसका मतलब ज्ञान होता है । रोवर प्रज्ञान चांद पर ५०० मीटर (आधा किलोमीटर) तक घूम सकता है । यह सौर ऊर्जा की मदद से काम करता है । रोवर सिर्फ लैंडर के साथ संवाद कर सकता है । इसकी कुल लाइफ १ ल्यूनर डे की है जिसका मतलब पृथ्वी के लगभग १४ दिन होता है ।

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