कजाकिस्तान के राजधानी अस्ताना में शंधाई सहयोग संगठन सम्मेलन के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने जिस तरह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अनदेखी की, उसके बाद इस्लामाबाद इस नुकसान की भरपाई करने की पुरजोर कोशिश कर रहा है । पाकिस्तान चीन को मनाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है । चीन और पाकिस्तान के रिश्ते काफी पुराने और गहरे माने जाते है । ऐसे में जब चिनफिंग नवाज से नहीं मिले, तो सबका हैरान होना स्वाभाविक था । खबरो के मुताबिक, इस सम्मेलन से कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान में रह रहे चीन के २ नागरिको को बलुचिस्तान से किडनैप कर लिया गया । इस्लामिक स्टेट ने बाद में इन दोनो को मार डाला । बताया जा रहा है कि पाकिस्तान में रह रहे अपने नागरिको की सुरक्षा पर इस्लामाबाद द्वारा खास ध्यान नही दिए जाने से चीन काफी नाराज है और इसी नाराजगी को जाहिर करने के लिए चिनफिंग ने एससीओ सम्मेलन में सार्वजनिक तौर पर पाकिस्तान की अनदेखी की । अब पाकिस्तान चीन को मनाने के लिए एक खास फोर्स बना रहा है, जिसका काम विदेशियो की हिफाजत करना होगा । जाहिर है, पाकिस्तान भले ही इसे विदेशियो की सुरक्षा का नाम दे, लेकिन असलियत में उशका मकसद केवल चीन के नागरिको की हिफाजत करना है । चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा से जुडी परियोजनाओं के कारण चीन के सैकडो नागरिक पाकिस्तान में रह रहे है । इस परियोजना बलुचिस्तान स्थित ग्वादर बंदरगाह को चीन के शिनजांग प्रांत से जोडता है । यह गलियारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के कई अहम हिस्सो से भी होकर गुजरता है । पिछले हफ्ते चीन की और से जारी एक बयान में कहा गया था कि पाकिस्तान में उसके जिन २ नागरिको की हत्या की गई, वे सीपीइसी के लिए काम नहीं कर रहे थे । सीपीईसी की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान ने पहले ही १५,००० सैनिको और अधिकारीयो की एक खास टुकडी का गठन किया था । अब चीन के नागरिको की सुरक्षा के लिए खास इंतजार कर पाकिस्तान पेइचिंग की नाराजगी खत्म करना चाहता है । खैबर पख्तुख्वा के गृह व जनजातीय के गृह व जनजातीय मामलो के सचिव अहमद खान ने बताया, हमने मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात की और हमारे प्रांत में काम कर रहे चीन नागरिको का पुरा ब्योरा जमा करने का फैसला किया ।
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