गंगा नदी को गंदा करना अब आपके लिए मुसीबत का सबक बन सकता है । गंगा में गंदगी करने वालो के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें ७ साल जेल की सजा और १०० करोड का भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है । केंद्र सरकार ने गंगा नदी की सफाई को लेकर एक पैनल का गठन किया था । इस पैनल ने नेशनल रीवर गंगा कायाकल्प, संरक्षा और प्रबंधन बिल, २०१७ के रुप में मसौदा तैयार किया है । इसके मुताबिक गंगा को मैला करने के अलावा बिना अनुमति के नदी की धारा को रोकना, नदी के तटो का खनन और गोदी जेट्टी का निर्माण भी शामिल है । प्रस्ताव के मुताबिक नियमों का उल्लांधन करने वालो पर ७ साल की सजा और १०० करोड रुपये तक के जुर्माना का प्रावधान है । अगर ये प्रस्ताव पास होकर कानुन की शक्ल लेता है तो गंगा को प्रभावित करने वालो की मुश्किले बढ सकती है । सेवानिवृत्त जस्टिस गिरधर मालवीय के नेतृत्व में इस कमेटी ने यह भी सुझाव दिया है कि गंगा से जुडी उसकी प्रमुख सहायक नदियो के भी एक किलोमीटर के दायरे को जल संरक्षित जोन धोषित किया जाए । हालांकि कमेटी ने यह भी सुझाव दिया है कि यह जोन बिल के लागु होने के बाद छह महीने के अंदर वैज्ञानिक शोध करके बनाये जाए । बता दे कि गंगा को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जीवित व्यक्ति का दर्जा दिए जाने की बात कही थी । वहीं दुसरी तरफ केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने २०१४ तक गंगा को निर्मल और स्वच्छ करने का वादा किया था ।
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