मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल को अभी १०० दिन भी पूरे नहीं हुए हैं और सरकार ने तीन तलाक, अनुच्छेद ३७० जैसे मुद्दों पर बड़ी सफलता हासिल कर ली है । अनुच्छेद ३७० हटाने को न सिर्फ राजनीतिक तौर पर बड़ी जीत माना जा रहा है, बल्कि इसे लेकर कूटनीतिक मोर्चे पर भी सरकार की जमकर तारीफ हो रही है । एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने अनुच्छेद ३७० हटाने को लेकर विस्तार से बात की । पीएम मोदी ने कहा, आप ऐसे लोगों की लिस्ट बनाइए जिन्होंने कश्मीर पर इस फैसले का विरोध किया । इसमें कुछ स्वार्थी समूह, राजनीतिक वंश, वे लोग हैं जो आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति रखते हैं और कुछ विपक्ष के मित्र शामिल हैं । देश के लोग, चाहे जो भी उनकी राजनीतिक विचारधारा हो, उन्होंने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए उठाए गए इस कदम का समर्थन किया । यह पूरी तरह राष्ट्र का विषय है, राजनीति का नहीं । देश के लोग इस फैसले को मुश्किल मान रहे हैं, लेकिन उन्हें भी इस बात का अहसास है कि जो अब तक असंभव लगता था, उसे संभव किया जा रहा है । पीएम ने कहा कि धीरे-धीरे कश्मीर में हालात सामान्य हो जाएंगे । पीएम को साफ तौर पर लगता है कि इसके कुछ प्रावधान देश को नुकसान पहुंचा रहे थे । मोदी ने कहा कि इससे सिर्फ राजनीतिक परिवारों और अलगाववादियों को मदद मिलती थी । पीएम ने कहा, अब यह सबको स्पष्ट है कि कैसे अनुच्छेद ३७० और ३५ए ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-थलग कर दिया था । ७ दशक के समय ने लोगों का कोई भला नहीं किया । लोगों को विकास की धारा से अलग रखा गया । सबसे बड़ा नुकसान यह हुआ कि आर्थिक तौर पर जम्मू-कश्मीर कभी तरक्की नहीं कर पाया । पीएम ने कहा कि इस पर हमारा नजरिया थोड़ा अलग है । अब तक गरीबी की मार झेल रहे लोगों को ज्यादा आर्थिक मौके मिलने चाहिए । अब कश्मीर में विकास को एक मौका मिलना चाहिए । पीएम मोदी ने कहा, मेरे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के भाई-बहन अपने लिए बेहतर भविष्य चाहते हैं, लेकिन अनुच्छेद ३७० ऐसा नहीं होने दे रहा था । वहां महिलाओं, बच्चों, एससी और एसटी समुदाय के लोगों के खिलाफ काफी अन्याय था । अब, बीपीओ से लेकर स्टार्टअप तक, खाद्य प्रसंस्करण से लेकर पर्यटन तक, कई उद्योग निवेश का लाभ उठा सकते हैं और स्थानीय युवाओं के लिए अवसर पैदा कर सकते हैं । शिक्षा और स्किल डिवेलपमेंट के क्षेत्र में भी उछाल आएगा । पीएम ने कहा कि जो लोग अनुच्छेद ३७० हटाने का विरोध कर रहे हैं, मेरा उनसे सीधा सा सवाल है कि अनुच्छेद ३७० और ३५ए को बनाए रखने के पीछे उनका क्या तर्क है? पीएम ने कहा कि उनके पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं होगा । पीएम ने कहा, ये वही लोग हैं, जो लोगों की मदद करने के फैसले के विरोध में प्रदर्शन करने लगते थे । लोगों को पानी मुहैया कराने के लिए एक प्रॉजेक्ट है, ये लोग उसका भी विरोध कर रहे हैं । रेलवे ट्रैक बनाया जाना है, ये लोग उसका भी विरोध कर रहे हैं । उनके दिल सिर्फ माओवादियों और आतंकवादियों के लिए धड़कते हैं, जिनसे आम आदमी को सिर्फ परेशानी हुई है । आज, देश का हर नागरिक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के साथ खड़ा है और मुझे पूरा भरोसा है कि वहां के लोग विकास के मुद्दे पर हमारे साथ होंगे । इस दौरान जब पीएम से सवाल किया गया कि क्या इस मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर के लोगों की आवाज भी सुनी जाएगी? इस पर पीएम ने कहा, कश्मीर ने लोकतंत्र के पक्ष में ऐसी मजबूत प्रतिबद्धता कभी नहीं देखी है । आप पंचायत चुनाव के दौरान लोगों से मिले समर्थन को याद करें । लोगों ने बड़ी संख्या में निकलकर वोट किया था । किसी के रोकने पर भी वे नहीं रुके । पीएम ने कहा कि नवंबर और दिसंबर २०१८ में वहां ३५,००० सरपंच चुनकर आए हैं और पंचायत चुनाव में ७४ प्रतिशत लोगों ने वोट किया है ।