अमेरिका के सीएटल में १६ जून के दिन इन्टरनेशनल कोलेज ओफ सर्जन्स का ७८वां वार्षिक अधिवेशन आयोजित होने वाला हैं । जिसमें सिर्फ अहमदाबाद, गुजरात ही नहीं पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण बात यह है कि इस अधिवेशन में पूरे देश में से वर्ल्ड एसोसिएशन ओफ लेप्रोस्कोपीक सर्जरी प्रमुख, इन्टरनेशनल कोलेज ओफ रोबोटीक सर्जरी के संस्थापक और एलजी अस्पताल के मेडिकल सुप्रिटेन्डन्ट डो. राजेश सी शाह सिर्फ एक भारतीय प्रतिनिधि के तौर पर हिस्सा लेने वाले हैं । डो राजेश शाह रोबोटीक सर्जरी इन इन्डिया विषय पर अपना वकतव्य देंगे । २०१७ के साल में छह महीने में ही पूरे विश्व में करीब आठ लाख ओपरेशन रोबोट द्वारा किए गए हैं । जिससे आने वाला दशक रोबोटीक सर्जरी का होगा । इन्टरनेशनल कोलेज ओफ सर्जन्स के ७८वें वार्षिक अधिवेशन में ४०० से अधिक सर्जन हिस्सा लेने वाले हैं। यह एतिहासिक इवेन्ट में इन्टरनेशनल कोलेज ओफ रोबोटिक सर्जरी के संस्थापक और एलजी अस्पताल के मेडिकल सुप्रिटेन्डन्ट डो राजेश सी शाह ने कहा कि आने वाले समय में रोबोटिक सर्जरी होगी । रोबोटीक आसीस्टेड सर्जरी का काफी महत्व होगा । क्योंकि रोबोट द्वारा होती सर्जरी और ओपरेशन सरल और काफी आरामदायक होते हैं ।दूसरा फायदा यह है कि उसमें सर्जरी के निशान काफी कम दिखते हैं । रोबोटिक सर्जरी में ३६० अंश तक रोटेशन मूमकीन हैं । जिससे ओपरेशन या सर्जरी में सफलता के चान्सीस बढ़ जाते हैं । शस्त्रक्रिया जो पहले मूमकीन नहीं थी वह अब रोबोट की सहाय से मूमकीन हैं । उल्लेखनीय हैं कि भारत में सबसे पहले रोबोटीक सर्जरी २००२ में डो नरेश त्रेहान द्वारा की गई । उसके बाद विकास होता रहा और २०११ में वर्ल्ड एसोसीएशन ओफ लेप्रोस्कोपीक सर्जन द्वारा नई दिल्ली मंे पहला रोबोटीक सर्जरी ट्रेनींग सेन्टर शुरु किया गया । विश्व के ३८१९ में ४८ सर्जन रोबोटीक सर्जरी के लिए भारत में तैनात हैं । दूसरा सेन्टर अगस्त में एसोशिएशन के प्रमुख डो राजेश शाह के नेेतृत्व में खोला जाएगा ।