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जम्मू-कश्मीर में माछिल यात्रा बंद करने का आदेश

जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा का समय कम करने के बाद अब किश्तवाड़ से माछिल के बीच आयोजित होने वाली पारंपरिक माछिल यात्रा को भी बंद करने का आदेश दिया गया है । पूर्व में इस यात्रा की शुरुआत २५ जुलाई से हुई थी, लेकिन अब इसे सुरक्षा कारणों से बंद करने का फैसला किया गया है । इससे पहले शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग ने राज्य में अमरनाथ यात्रा के समय में कटौती करते हुए इसे बंद करने की घोषणा की थी । इस ऐलान के साथ ही राज्य में आए देशभर के तीर्थयात्रियों को वापस लौटने के निर्देश दिए गए थे । किश्तवाड़ में स्थित चंडी माता मंदिर को जम्मू-कश्मीर के एक पारंपरिक देवस्थान के रूप में जाना जाता है । हर साल यहां एक पारंपरिक माछिल यात्रा होती है, जिसमें हिस्सा लेने के लिए राज्य के अलावा पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और उत्तराखंड के तमाम श्रद्धालु यहां आते हैं । इस मंदिर में श्रद्धालु माता चंडी की उपासना करते हैं और इसके लिए प्रशासन की ओर से खास तैयारियां की जाती हैं । यात्रा के दौरान देश भर के हजारों श्रद्धालु मनोरम पद्दार घाटी की सुंदरता निहारते हैं और ३० किलोमीटर कठिन मार्ग पर चलकर किश्तवाड़ के माछिल गांव में मां दुर्गा के मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं । इस साल इस यात्रा को २५ जुलाई को शुरू किया गया था और जिसमें लगातार श्रद्धालुओं का आना जारी था । इसी बीच शनिवार को राज्य सरकार ने इस यात्रा को समय से पूर्व ही स्थगित करने का फैसला किया, जिसके बाद किश्तवाड़ और यात्रा रूट पर सभी यात्रियों को वापस अपने घर लौटने के निर्देश जारी किए गए । इससे पूर्व यात्रा को पांच सितंबर तक संचालित करने के इंतजाम किए गए थे । बता दें कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने शुक्रवार को सिक्यॉरिटी अडवाइजरी जारी कर अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को घाटी से जितना जल्दी मुमकिन हो, लौटने की व्यवस्था करने को कहा है । इस अडवाइजरी के बाद से सूबे में सियासी हलचल तेज हो गई है । कश्मीर के मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुए पीडीपी और नैशनल कॉन्फ्रेंस समेत वहां के क्षेत्रीय दलों ने आपात बैठक बुलाई थी ।

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