अयोध्या मामले में मध्यस्थता काम नहीं आयी। इसलिए सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय किया है अयोध्या मामले की सप्ताह में तीन दिन रोजना सुनवाई करेगा। सर्वोच्च न्यायालय ने साफ शब्दों में कहा है कि अब इस मामले की सुनवाई तब तक चलेगी, जब तक कोई नतीजा नहीं निकल जाता है।
गुरुवार को मध्यस्थता समिति ने सर्वोच्च न्यायालय में सीलबंद लिफाफे में अंतिम रिपोर्ट पेश की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने पहले ही कहा था कि अगर आपसी सहमति से कोई हल नहीं निकलता है तो रोजाना सुनवाई होगी।
यह फैसला चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने किया। इस बेंच में जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए नजीर शामिल हैं।
साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद मामले में गठित मध्यस्थता समिति को भंग करते हुए कहा कि 6 अगस्त से अब मामले की रोज सुनवाई होगी। यह सुनवाई हफ्ते में तीन दिन मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को होगी।