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पृथ्वी शॉ पर कार्रवाई में हमारी तरफ से देरी नहीं : BCCI

टेस्ट ओपनर पृथ्वी साव के डोपिंग में फंसने का मामला नया मोड़ लेता जा रहा है। साव पर कार्रवाई में देरी पर गुरुवार को बीसीसीआई ने सफाई दी है। क्रिकेट बोर्ड का कहना है कि अगर उन्हें डोपिंग की रिपोर्ट टाइम पर मिल गई होती तो पृथ्वी साव पर पहले ही कार्रवाई की जाती। बीसीसीआई ने कहा कि नैशनल डोप टेस्टिंग लैबरेटरी (NDTL) की रिपोर्ट मिलने में देरी न होती तो साव के आईपीएल और मुंबई टी-20 लीग में खेलने पर बैन कर दिया जाता। बीसीसीआई के ऐंटि डोपिंग मैनेजर डॉ. अभिजीत साल्वी ने कहा है कि बीसीसीआई को पृथ्वी की रिपोर्ट में Terbutaline होने की जानकारी 2 मई को दी गई थी और तब आईपीएल खत्म होने वाला था। पृथ्वी की पूरी लैब डॉक्युमेंटेशन रिपोर्ट 17 मई को मिली, जिसे बाद में इंडिपेंडेट रिव्यू बोर्ड को जांच के लिए भेज दिया गया था। 
साल्वी ने मामले पर सफाई देते हुए कहा, ‘हमारी तरफ से कोई विलंब नहीं हुआ है, लैब रिपोर्ट मिलने में ही देरी हुई। उन्हें (लैब को) 10 दिन में रिपोर्ट सौंप देनी चाहिए थी, लेकिन उनका कहना था कि तकनीकी दिक्कतों की वजह से इसमें देरी हो रही है। हमें यह 2 मई को मिली। इससे बचा जा सकता था, उसे खेलने देने की कोई वजह नहीं थी, हमने रिपोर्ट आईसीसी और वाडा दोनों को भेज दी है। अगर वाडा को लगेगा कि हमारा फैसला अन्यायपूर्ण है तो वे इसके खिलाफ अपील करेंगे। एक ओर जहां बीसीसीआई कार्रवाई में देरी के लिए NDTL की रिपोर्ट में देरी का हवाला दे रही है। वहीं, NDTL सूत्रों का कहना है कि उन्होंने समयसीमा के अंदर ही बीसीसीआई को रिपोर्ट सौंप दी थी। आईपीएल के बाद पृथ्वी मुंबई लीग में भी शामिल हुए थे और उनकी टीम नॉर्थ मुंबई पैंथर्स ने खिताब भी जीता। बीसीसीआई और NDTL के बीच हुए समझौते के मुताबिक, आईपीएल के दौरान किसी खिलाड़ी का यूरिन सैंपल लिया जाता है तो 48 घंटे के अंदर सैंपल रिपोर्ट देनी होती। वहीं किसी घरेलू टूर्नमेंट के दौरान सैंपल लेने पर 10 दिन के अंदर नोटिफाई करने का नियम है। 
इस मामले की बात करें तो पृथ्वी का सैंपल स्वीडन की ऐंटि डोपिंग संस्था ‘इंटरनैशनल डोपिंग टेस्ट्स मैनेजमेंट (IDTM) ने 22 फरवरी को लिया था। NDTL को बीसीसीआई को 4 मार्च तक रिपोर्ट सौंपनी चाहिए थी, लेकिन बीसीसीआई को रिपोर्ट 2 मई को सौंपी गई। यह पूरी प्रकिया ना केवल NDTL की टेस्टिंग प्रकिया पर सवाल उठाती है, बल्कि बीसीसीआई को भी कटघरे में खड़ा करती है। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि अगर बीसीसीआई को 2 मई को भी रिपोर्ट मिली तो पृथ्वी को उसी वक्त सस्पेंड क्यों नहीं किया गया? अगर NDTL के द्वारा डॉक्युमेंटेशन में 15 दिन का समय भी लगा तो पृथ्वी को 17 मई तक कार्रवाई की जानी चाहिए थी। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि किसी भी तरह के गलत इरादे से पूरी प्रकिया में देरी नहीं की गई है। अधिकारी का कहना है कि मामला सामने आने के बाद मई में पृथ्वी को इंग्लिश कांउटी टीम साइन करने से रोक दिया गया था। अधिकारी ने मामले पर आगे सफाई देते हुए कहा, ‘चूंकि पूरी रिपोर्ट हमें नहीं मिली थी, इसलिए डोप टेस्ट की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर BCCI ने पृथ्वी की फ्रेंचाइजी को आईपीएल के बीच में जानकारी देना सही नहीं समझा।

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