आधारकार्ड के मुद्दे पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि जिन लोगों के पास पैन कार्ड और आधार कार्ड दोनों हैं उन्हें अपना आईटी रिटर्न भरते हुए यह बताना होगा । वहीं जिनके पास आधार कार्ड नहीं हैं और पैन कार्ड हैं उनका पैन मान्य माना जाएगा । और वे लोग आईटी रिटर्न भर सकते हैं । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को आधार कार्ड की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए । जिससे आधार के डाटा२ लीक ना हो सके । वहीं सरकार को पैन कार्ड के डुप्लीकेशन को रोकने के लिए भी काम करना चाहिए । इससे पहले पिछली सुनवाई में केन्द्र सरकार ने आधार कार्ड के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से कहा कि भारत के नागरिक आधार कार्ड हेतु लिए जाने वाले शारीरिक सैंपल के लिए मना नहीं कर सकते हैं । नागरिक अपने शरीर पर इस मुद्दे पर कोई अधिकार नहीं जता सकते हैं । मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि अपने शरीर पर पूर्ण अधिकार होना एक भ्रम हैं । ऐसे कई नियम हैं जो इस पर पाबंदी लगाते हैं । पैन कार्ड के लिए आधार को अनिवार्य बनाए जाने के फैसले को दी गयी चुनौती का विरोध कर रहे शीर्ष विधि अधिकारी ने कहा कि भारत में २९ करोड़ पैन कार्ड में से कई पैन कार्ड रद्द किया गया क्योंकि पता लगा कि कई लोगों के पास एक से अधिक कार्ड हैं और उनका प्रयोग गलत गतिविधियों में किया जा रहा था । जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा था । उन्होंने कहा कि अभी तक देश में ११३.७ करोड़ आधार कार्ड जारी किए गए हैं और सरकार को दोहरे कार्ड का कोई मामला नहीं मिला हैं । क्योकि आधार में प्रयुक्त बायोमीट्रिक प्रणाली ऐसी एकमात्र प्रणाली है जो पूरी तरह सुरक्षित हैं । केन्द्र सरकार ने पैन कार्ड के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य बनाने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय में कहा कि ऐसा देश में फर्जी पैन कार्ड के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने के लिए किया गया हैं ।
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