निर्धारित ओवरों के बाद सुपर ओवर में भी दमदार बल्लेबाजी कर इंग्लैंड को चैंपियन बनाने वाले ऑलराउंडर बेन स्टोक्स ने कहा है कि वह सुपर ओवर नहीं खेलना चाहते थे, लेकिन कप्तान इयान मॉर्गन के कहने पर उन्होंने यह जिम्मेदारी संभाली । स्टोक्स ने २४१ रनों का पीछा करने उतरी इंग्लैंड के लिए नाबाद ८४ रनों की पारी खेली थी और फिर सुपर ओवर में भी बल्लेबाजी करने आए थे । स्टोक्स ने कहा कि उन्होंने सुपर ओवर के लिए बटलर के साथ जेसन रॉय का नाम सुझाया था । उन्होंने कहा, मैंने कहा था कि हमें जोस बटलर और जेसन को भेजना चाहिए लेकिन मॉर्गन ने कहा कि हमें दाएं और बाएं का संयोजन बनाना है इसलिए मुझे भेजा गया । सुपर ओवर में पहुंचे फाइनल में नतीजा टाई रहा था और इंग्लैंड ने बाउंड्रीज के आधार पर न्यूजीलैंड को मात दे विश्व विजेता बनने का गौरव हासिल किया । सुपर ओवर में बोलिंग के विकल्प पर उन्होंने कहा, मुझे शावर रुम में जाना पड़ा था और अपने आपको पांच मिनट का समय देना पड़ा था । मैं निश्चित तौर पर दोबारा गेंदबाजी नहीं कर सकता था । स्टोक्स ने कहा कि वह जीत के पल में मैदान पर रोने लगे थे । उन्होंने कहा, मैं मैदान पर गिर गया था । मैंने मार्क वुड के चश्मे पहने थे । मुझे लगा कि मैंने उन्हें तोड़ दिया है । इंग्लैंड के इस हरफनमौला खिलाड़ी ने टीम को चैंपियन तो बना दिया लेकिान साथ ही कहा, मैं अब कभी भी सुपर ओवर का हिस्सा बनना नहीं चाहता । मार्टिन गुप्टिल के थ्रो पर बेन स्टोक्स के बल्ले से बॉल टकराकर बाउंड्री पार चली गई थी, बाद में यही चार रन सबसे अहम साबित हुए । बेन की हालांकि इसमें कोई गलती नहीं थी, लेकिन इसके बावजूद उनकी खेल भावना पर सवाल भी उठे थे । सवाल उठा कि बेन को ये रन लेने से मान कर देना चाहिए था । पूर्व इंग्लिश क्रिकेटर जेम्स एंडरसन ने इस पर खुलासा करते हुए बताया है कि इस ऑलराउंडर ने ओवरथ्रो के तुरंत बाद हाथ उठाकर माफी मांगी थी और अंपायरों से अपील की थी कि वे अपना फैसला बदल दें ।