उदयपुर जिले के जवारमाइंस थाना क्षेत्र के पीलादर में रमेश पटेल की हुई हत्या के मामले में सोमवार को आक्रोशित ग्रामीणों की भीड़ उग्र हो गयी। पुलिस पर निष्पक्ष जांच नहीं करने और आरोपियों को बचाने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने जयसमंद मार्ग पर झरणिया बायपास पर जाम लगाया, पुलिस समझाइश के लिए आयी, तो पुलिस पर पथराव कर दिया और पुलिस के थाने की जीप, पुलिस बस, पुलिस बाइक सहित रोडवेज की दो बसों को आग लगा दी।
माहौल खराब होने और बचने के लिए पुलिस ने भी पंप एक्शन गन से फायरिंग की और लाठी चार्ज कर ग्रामीणों को खदेड़ा। पुलिस फायरिंग में रबड़ बुलेट लगने से बाबूलाल नाम का एक ग्रामीण घायल हो गया, वहीं लाठी चार्ज से बचने के लिए ग्रामीण आस-पास खेतों और पहाड़ियों पर चढ़ गए। ग्रामीणों के पथराव से थानेदार सहित कुछ पुलिसकर्मियों के चोटें आयी हैं। पुलिस ने जयसमंद मार्ग तो खुलवा दिया लेकिन माहौल में तनाव अब तक बना हुआ है। पुलिस की गोली लगने से घायल बाबूलाल को पुलिस ने एमबी हॉस्पिटल पहुंचाया, जहां उसका उपचार चल रहा है। वहीं घायल 7-8 पुलिसकर्मी जावरमाइंस के सीएचसी में उपचाररत हैं। पुलिस ने डेढ़ सौ से अधिक दंगाईयों को गिरफ्तार कर लिया है।
क्यों बिगड़ा माहौल… ?
जावरमाइंस के पीलादर से 8 जुलाई को रमेश पटेल नाम का युवक लापता हो गया था। परिजनों ने इसकी गुमशुगदी भी जावरमांइस थाने में दर्ज करवायी थी। परिजनों ने बताया था कि दो लोग उसे बुलाकर साथ ले गए थे, इसके बाद वह घर नहीं लौटा। 12 जुलाई को जावरमाइंस के जयसमंद अभयारण्य के पास जंगल के काफी अंदर रमेश पटेल की लाश मिली थी। पुलिस ने जब उन दो लोगों को गिरफ्तार किया, जो रमेश को बुलाकर ले गए थे, पूछताछ में उन लोगों ने हत्या कबूल की थी। लेकिन पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के चार दिन बाद भी हत्या के कारणों का खुलासा नहीं किया है।
परिजनों ने पुलिस को बताया कि इन दो आरोपियों के अलावा भी रमेश पटेल की हत्या में शराब माफिया व तस्कर शामिल हो सकते हैं। रमेश के परिजनों ने बताया कि कुछ दिनों पहले आबकारी विभाग ने पलोदड़ा के एक होटल के अंदर चल रही बड़े स्तर पर शराब की अवैध फैक्ट्री पकड़ी थी और होटल मालिक को गिरफ्तार किया था। इससे जुड़े शराब तस्करों और माफिया को संदेह था कि उनकी मुखबीरी रमेश पटेल ने की है। ऐसे में परिजनों ने संदेह जताया कि जिन दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उनके अलावा भी हत्या में लोग शामिल हैं और शराब तस्करों के कहने पर ही यह हत्या की गयी है।
पटेल समाज चार दिन से प्रदर्शन की दे रहा चेतावनी, फिर भी नहीं चेती पुलिस
मामले की गहनता से निष्पक्ष जांच की मांग कर परिजन और पटेल समाज 12 जुलाई से लगातार प्रदर्शन कर रहे थे और अधिकारियों को ज्ञापन देकर उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दे रहे थे। ग्रामीणों का कहना है कि जब पुलिस की तरफ से हमें कोई भरोसेमंद जवाब नहीं मिला तो आज सभी ने उग्र प्रदर्शन किया।
सोमवार को जयसमंद बायपास ग्रामीणों ने जाम कर दिया तो एडिएसपी, डीएसपी, चार-पांच थानेदार मय जाब्ता मौके पर पहुंचे। उदयपुर कंट्रोल रूम से भी अतिरिक्त जाब्ता मंगवाया गया। पुलिस रास्ता खोलने के लिए ग्रामीणों की समझाइश कर रही थी और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दे रही थी, इसी दौरान कुछ ग्रामीण उग्र हो गए और उन्होंने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया और माहौल खराब होता चला गया।