भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास को लेकर लगातार अटकलों का बाजार गर्म है। विश्व कप 2019 में धोनी की धीमी बल्लेबाजी को लेकर लगातार उनकी आलोचना हो रही है। बीसीसीआई भी धोनी को ज्यादा मौके देने के मूड में नहीं है। धोनी पर बीसीसीआई की तरफ से संन्यास लेने का दबाव बनाया जा रहा है और इसके लिए बीसीसीआई के चयनकर्ता धोनी को टीम में नहीं चुने जाने का कदम उठा सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीसीआई से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद बहुत जल्द धोनी से बात कर सकते है। हालांकि ऐसा तब होगा, जब धोनी अगर पहले ही अपने फैसले के बारे में प्रसाद को जानकारी नहीं देते। धोनी को आगामी वेस्टइंडीज टूर के लिए टीम में नहीं चुना जाए। इसके अलावा बीसीसीआई यही चाह रहा है कि 2020 टी20 वर्ल्ड कप से पहले धोनी संन्यास ले लें।
बीसीसीआई से जुड़े विश्वस्त सूत्रों के हवाले से कहा गया है, ‘हम (बोर्ड अधिकारी) इस बात से हैरान हैं धोनी ने अब तक ऐसा नहीं किया है ( वर्ल्ड कप में उनकी धीमी बल्लेबाजी को लेकर), ऋषभ पंत जैसे युवा खिलाड़ी उनकी जगह लेने का इंतजार कर रहे हैं। जैसा कि हमने विश्व कप में देखा धोनी अब आक्रामक बल्लेबाजी नहीं कर पा रहे हैं। नंबर 6 या 7 पर उतरने के बावजूद वह रन को बढ़ाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं, जो टीम के लिए नुकसानदेह साबित हो रहा है। रिपोर्ट में लिखा गया है कि इसकी संभावना बहुत ही कम है कि धोनी 2020 टी20 वर्ल्ड कप तक टीम में बने रहेंगे। ऐसे में यह सही समय है कि धोनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से खुद संन्यास ले लें।
धोनी के पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हासिल करने के लिए अब कुछ नहीं बचा है। उन्हें जो कुछ भी हासिल करना था वह कर चुके हैं, इसलिए उन्हें नए खिलाड़ियों को मौका देना चाहिए। धोनी के संन्यास को लेकर बातें तो काफी समय से हो रही हैं, लेकिन विश्व कप में उनके प्रदर्शन के बाद तो उनकी काफी आलोचना हो रही है। धोनी का आलोचना करने वालों को शायद ये ध्यान नहीं है कि उस खिलाड़ी का भारतीय क्रिकेट में जो योगदान रहा है वो अतुल्नीय है। धोनी ने अभी भी मैदान सबसे फुर्तीले खिलाड़ियों में से एक हैं और मैदान पर रणनीतिक बनाने के मामले में टीम इंडिया में धोनी से बेहतर कोई खिलाड़ी नहीं।