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देश के दक्षिणी, पूर्वी और मध्य भारत में अच्छी हुई बारिश

एक तरफ गर्मी का कहर और दुश्री तरफ पानी ना होने से पाक को हो रहे नुकसान से परेशान लोगो के लिए राहत की खबर है। देश के कई हिस्सों में बारिश ने दस्तक दे दी है। इस से गर्मी और पानी की समस्या से लोगो को राहत मिल रही है। अब तक कमजोर दिख रहे मॉनसून ने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है। शुक्रवार को देश के दक्षिणी, पूर्वी और मध्य भारत में अच्छी खासी बारिश हुई। जून के महीने में शुक्रवार सबसे अधिक नमी वाला दिन था। करीब तीन सप्ताह बीते जाने के बाद हुई यह बारिश बड़ी राहत देने वाली है। इस मॉनसून सीजन में अब तक वर्षा न होने के चलते फसलों की बुआई में देरी हो रही है, इसके अलावा बड़े पैमाने पर जलाशयों में भी पानी की कमी देखी जा रही है। भारत में 5.2 मिलीमीटर बारिश हुई। सामान्य तौर पर 6.2 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन 1 जून के बाद से ही इस ही सीजन में हर दिन करीब 40 से 45 फीसदी कम बारिश हो रही है। मध्य भारत में किसान कॉटन समेत अपनी कई फसलों को बोने के लिए बारिश का इंतजार कर रहे हैं, वहां शुक्रवार की बारिश कुछ राहत पहुंचाने वाली थी। आने वाले दिनों में मॉनसून से राहत मिलने की संभावना है।
21 जून की बारिश औसत वर्षा से 16 फीसदी कम थी, जबकि इससे पहले महीने के 20 दिनों में बारिश औसत से 54 फीसदी तक कम थी। दक्षिण भारत में मॉनसून की यहग बारिश औसत से 10 फीसदी अधिक थी, जहां इस सीजन की शुरुआत से ही 38 फीसदी तक कम बारिश देखने को मिली थी। अब फसलों की बुआई में तेजी आएगी, जो बीते साल के मुकाबले अब तक 12.5 फीसदी कम रही है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में दक्षिण, पश्चिम और पूर्वी भारत के अलावा असम और पूर्वोत्तर के राज्यों में भी अच्छी बारिश का अनुमान लगाया है। मौसम विभाग के मुताबिक मॉनूसन कर्नाटक के ज्यादातर हिस्सों में पहुंच चुका है। इसके अलावा महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के हर जिले और तमिलनाडु तक में यह पहुंच चुका है। तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में भी मॉनसून पहुंचा है। 
दक्षिण, पश्चिम और पूर्वी भारत के अलावा मध्य भारत के छत्तीसगढ़ में भी मॉनसून ने दस्तक दी है। पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ को धान की खेती के लिए अग्रणी राज्यों में शुमार किया जाता है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में यहां मॉनसून के और मेहरबान होने की संभावना है। इससे धान की खेती में मदद मिलेगी। अब तक बारिश न होने के चलते धान की खेती प्रभावित हुई है। आने वाले कुछ दिनों में मॉनसून के पूर्वी उत्तर प्रदेश तक भी पहुंचने की संभावना है।

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