नए बिजनस में वृद्धि के कारण मई में सर्विसेज सेक्टर की ग्रोथ चार महीने में सबसे अधिक हो गई । निक्केई इंडिया सर्विसेज बिजनस ऐक्टिविटी इंडेक्स में ५२.२ पर रहा, जो इससे पिछले महीने ५०.२ पर था । यह देश के सर्विसेज सेक्टर में मजबुत रिकवरी का संकेत है । देश की इकनोमी में इस सेक्टर की लगभग ६० पर्सेंट हिस्सेदारी है । इंडेक्स को तैयार करने वाली कंपनी मार्किट की इकनोमिस्ट, पोलिएना डी लीमा ने कहा, पहले क्वोर्टर के मध्य में सर्विसेज सेक्टर में तेजी आने से यह संकेत मिल रहा है कि अगर यह ग्रोथ जुन में भी जारी रहती है तो जीडीपी में तेजी से वृद्धि से हो सकती है । हालांकि, इसमें कुछ मुश्किलें भी है । इस सर्वे में ५० से अधिक का स्कोर बढोतरी, जबकि इससे कम का स्कोर कमी का संकेत देता है । जनवरी मार्च क्वोर्टर में देश की इकनोमिक ग्रोथ ६.१ पर्सेंट रही थी, जो दो वर्ष में सबसे कम दर है । हालांकि, डेटा से मौजुदा फाइनैशल इयर के पहले क्वोर्टर में रिकवरी का संकेत मिल रहा है । मार्केट की और से पिछले सप्ताह जारी डेटा से पता चला था कि देश में मैन्युफैक्चरिंग में ग्रोथ की रफ्तार तीन महीने में सबसे कम रही है । सर्विसेज सेक्टर के लिए नए बिजनस में बढोतरी होने से मैन्युफैक्चरिंग के लिए ओर्डर्स की ग्रोथ में कमी की भरपाई हुई है । इसके नतीजे में प्राइवेट सेक्टर इकनोमी के लिए नया बिजनस मई में अप्रैल की तुलना में अधिक तेजी से बढा है । सीजन के अनुसार अजस्ट होने वाला निक्केई इंडिया कंपोजिट पीएमआई इंडेक्स मई में ५२.५ पर्सेंट के साथ सात महीने के हाई लेवल पर पहुंच गया, जो अप्रैल में ५१.३ पर था । हालांकि, यह बढोतरी देश की जरुरत के लिहाज से कम है, लेकिन इससे रोजगार बढाने में मदद मिली है । मार्किट के रिपोर्ट के अनुसार, सर्विस सेक्टर से जुडी फर्मो ने अधिक बिजनेस को पुरा करने के लिए मई में अतिरिक्त स्टाफ की हायरिंग की है । जोब ग्रोथ की दर लगभग चार वर्षो में सबसे अधिक रही है । डी लीमा को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक ओफ इंडिया इकोनमी को मजबुती देने के लिए बैंचमार्क रेट में कमी करेगा । आरबीआई की मोनेटरी पोलिसी कमिटी इंटरेस्ट रेट पर फैसला करने के लिए ६ और ७ जुन को मीटींग करेगी । आरबीआई ने ६ अप्रैल को पिछली, मोनेटरी पोलिसी रिव्यु मिटींग में रेपो रेट को ६.२५ पर्सेंट पर बरकरार रखा था, लेकिन रिवर्स रेपो रेट को ५.७५ पर्सेंट से बढाकर ६ पर्सेंट कर दिया था ।
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