संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में भारत के लोकसभा चुनावों को सबसे ऐतिहासिक और समावेशी चुनाव बताया गया है। संयुक्त राष्ट्र में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की सचिव शकुंतला डोई गैमलिन ने संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में कहा, भारत में हुए लोकसभा चुनाव ऐतिहासिक और समावेशी चुनाव रहे। ऐसा इसलिए कि वहां चुनावों में हर व्यक्ति ने अपने मतदान अधिकारों का प्रयोग किया जिसमें दिव्यांग भी शामिल हुए। शकुंतला डोई गैमलिन ने आगे कहा- भारत ने अलग-अलग दिव्यांग नागरिकों के लिए अलग माहौल की अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया है।
भारत विकलांग व्यक्तियों के लिए एक सार्वभौमिक सक्षम वातावरण प्रदान करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है, जो विकलांग लोगों को अपने अधिकारों को समान रूप से पूरा करने और उनकी पूर्ण क्षमता का एहसास करने और पूरी तरह से समावेशी देश बनाने में सक्षम हैं जहां सभी समान अधिकारों का आनंद लेते हैं। भारत ने अभी हाल ही में सबसे ऐतिहासिक, समावेशी आम चुनाव संपन्न किया, जिसमें मतदान केंद्रों को अधिक समावेशी और सुलभ बनाने के लिए कई तरह की सुविधाएं प्रदान की गईं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी लोग मतदान के अधिकार का उपयोग कर सकें।