बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 अगस्त 2020 के पहले राज्य के हर घर में प्रीपेड विद्युत मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारत किया है। नीतीश कुमार ने ऊर्जा विभाग की 692.74 करोड़ रुपए की लागत वाली विभिन्न योजनाओं का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन एवं कार्यारम्भ करने के बाद आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 15 अगस्त 2020 के पहले पूरे प्रदेश में प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है। नीतीश कुमार ने कहा कि सबसे अधिक शिकायत बिजली बिल को लेकर आती है। प्रीपेड मीटर से न सिर्फ बिजली की फिजूलखर्ची पर रोक लगेगी बल्कि लोगों की शिकायतें भी दूर होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर इच्छुक परिवार तक बिजली पहुंचाने के बाद अब सरकार ने वर्ष के अंत तक हर इच्छुक किसानों को कृषि फीडर के माध्यम से बिजली का कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
वहीं, इस वर्ष 31 दिसम्बर तक पूरे बिहार के जर्जर बिजली के तारों को भी बदलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस दिशा में तेजी से काम आगे बढ़ रहा है। नीतीश कुमार ने कहा कि कृषि फीडर के माध्यम से अब किसानों के खेतों तक बिजली पहुंचाई जा रही है, जिससे पटवन पर आने वाले खर्च में काफी कमी आएगी। अभी डीजल से फसल की सिंचाई करने पर जहां 100 रुपए की लागत आ रही है, वहीं बिजली से पटवन करने में मात्र पांच रुपए की लागत आएगी। किसानों को इससे अच्छी मदद और क्या हो सकती है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए जितने कृषि फीडर की जरूरत होगी, उसे बनाइए, इसके लिए लिए इंतजार करने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली की बेहतर उपलब्धता हो इसके लिए राज्य सरकार दो प्रकार का अनुदान देती है। बिजली के रेट पर करीब पांच हजार करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाता है। इसके अलावा सिस्टम में जो कमी है उसे दूर करने के लिए भी राज्य सरकार डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनियों (बिजली विभाग) को अनुदान मुहैया कराती है। प्रीपेड मीटर लगने के बाद एक सब्सिडी से मुक्ति मिलेगी। डीजल सिंचाई पर भी राज्य सरकार किसानों को अनुदान उपलब्ध करा रही है।
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