फिलहाल में राज्यभर में दलितों और अनुसूचित जाति के लोगों के विरूद्ध शादी प्रसंग में घोड़ा गाड़ी पर चढ़ने देने का विरोध करके सामाजिक बहिष्कार करने के भारी विवाद के बाद अब राज्य के शिक्षा विभाग ने राज्य की स्कूलों में भेदभाव दूर करने के लिए प्रयास किया गया है । जिसके तहत अब से मध्याह्न भोजन के समय भी विद्यार्थियों को एक ही लाइन में एक साथ बिठाकर भोजन दिया जाएगा । यदि स्कूल में पानी का अलग मटका और ग्लास रखा जाएगा तो स्कूल के मुख्य शिक्षक के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाएगी । इस मामले में राज्य के सभी डीईओ (जिला शिक्षाधिकारी) को परिपत्र भेजा गया है । साणंद के नाना देवती गांव में कुछ दिन पहले दलित अधिवेशन आयोजित हुआ था, इसमें अलग-अलग प्रस्ताव पारित किए गए थे, जिसमें एक प्रस्ताव का मतभेद दूर किया गया था । फिलहाल में राज्यभर में दलितों और अनुसूचित जाति के लोगों के विरूद्ध शादी प्रसंग में घोड़ा गाड़ी पर चढ़ने देने का विरोध करके सामाजिक बहिष्कार करने के भारी विवाद की वजह से अब मतभेद और अस्पृश्यता के दूषण का मामला गर्मा गया था । बाद में राज्य के विभिन्न स्थलों पर दलित सम्मेलनों और अधिवेशन बुलाकर मतभेद का मुद्दा बड़े पैमाने पर उठाया गया था । राज्य की कई सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन के समय मतभेद रखा जाता है । पानी का अलग मटका और ग्लास भी रखा जाता है सहित के मुद्दे पर सरकार को बताया गया था । जिसकी वजह से अब राज्य सरकार ने राज्य की स्कूलों में मतभेद -अस्पृश्यता के दूषण को दूर करने के लिए कवायद शुरू की गई है । जिसमें शिक्षा विभाग ने मंगलवार को एक महत्व का परिपत्र जारी करके स्कूलों से मतभेद दूर करने के लिए राज्य के सभी जिला शिक्षाधिकारियों को सूचना जारी किया गया था । सरकार द्वारा स्पष्ट सूचना दी गई थी हालांकि, किसी स्कूल में पानी का मटका और ग्लास अलग होगा या अन्य कोई मतभेद मालूम होगा तो ऐसी प्रवृति देखने को मिलेगी तो स्कूल के मुख्य शिक्षक के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी ।
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