मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूजे) को और विस्तार दिया जाएगा । नई सरकार में ५ किलो के गैस सिलिंडर की आपूर्ति और उनके इस्तेमाल पर जोर दिए जाने का अनुमान है । माना जा रहा है कि योजना से लाभान्वित महिलाओं ने बीजेपी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पक्ष में मतदान किया और मोदी सरकार दोबारा सत्ता में आ गई । पीएमयूजे के तहत गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के परिवारों को मुफ्त में गैस कनेक्शन बांटे गए । सारे कनेक्शन महिलाओं के नाम पर ही दिए गए । आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि योजना के तहत नई ८ करोड़ गैस कनेक्शन बांटे जाने का लक्ष्य सरकार के पहले १०० दिनों में पूरा कर लिया जाएगा । अब तक ७ करोड़ १९ लाख कनेक्शन दिए जा चुके हैं । यानी, ३० मई के बाद १०० दिनों के अंदर ८१ लाख गैस कनेक्शन और बांटे जाएंगे । एक बार यह लक्ष्य पूरा हो जाने के बाद योजना के तहत ५ किलो के छोटे सिलिंडर का इस्तेमाल अनिवार्य किए जाने का अनुमान है ताकि इसकी देशभर में इसकी उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके और एलपीजी रीफिल्स को बढ़ावा मिल सके । सार्वजिक क्षेत्र की एक ऑइल मार्केटिंग कंपनी के अधिकारी ने बताया, उज्ज्वला के तहत एलपीजी सिलिंडर साल में औसतन तीन बार ही भरवाए जा रहे हैं जबकि राष्ट्रीय औसत करीब सात का है । इसका बड़ा कारण शायद सिलिंडर की कीमत है क्योंकि रीफिलिंग मुफ्त नहीं है । उन्होंने उम्मीद जताई कि योजना के तहत छोटे सिलिंडरों के इस्तेमाल से स्थिति बदल सकती है । अभी दिल्ली में ग्राहकों को १४.२ किलो के बड़े सिलिंडर के लिए ७१२ रुपये देने होते हैं जबकि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) स्कीम के तहत सब्सिडी के करीब २१५ रुपए वापस बैंक अकाउंट में आ जाते हैं । अभी ५ किलो का सिलिंडर २६० रुपये में मिलता है और सब्सिडी के तौर पर जो बैंक अकाउंट में करीब ८० रुपये वापस आएंगे ।