अमेरिका में पाकिस्तान की ऐंबैसडर मलीहा लोधी ने अफगानिस्तान को निशाने पर लेते हुए कहा कि अफगानिस्तान को पाकिस्तान पर आतंकवादी हमले करने का आरोप लगाना बंद करना चाहिए । मलीहा के मुताबिक, अफगानिस्तान को अपने देश की सुरक्षा व्यवस्था पर फोकस रखना चाहिए । वोयस ओफ अमेरीका को दिये गए इंटरव्यु में मलीहा ने कहा कि आतंकी तत्वो से निबटने में वह अफगानिस्तान की मदद करने को तैयार है । लेकिन इसे लिए सबसे पहले अफगानिस्तान को अपने आंतरिक मामलो को दुनियाभर के सामने लाने से रोकना होगा । लोधी ने कहा कि, अफगानिस्तान में हिंसक घटनाओ को देखकर साफ है कि आतंकी संगठन आईएस तेजी से पांव पसार रहा है । यह अफगानिस्तान के साथ ही उसके पडोसी मुल्को के लिए भी खतरनाक है । काबुल अटैक को देखकर साफ है कि यह पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्तो को खराब करने की साजिश है । आतंकवाद और हिंसक तत्वो से निबटने के लिए सभी को एक साथ मिलकर इसके खिलाफ कदम उठाने की जरुरत है । लोधी की यह टिप्पणी उस वक्त आई है जबकि अफगानी इंटेलिजेंस अधिकारीयो ने दावा किया है कि काबुल अटैक में पाकिस्तान बेस्ड हक्कानी नेटवर्क का हाथ है । पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई ने तालिबान समर्थित हक्कानी मदद से ये धमाके कराए । बताते चलें कि काबुल अटैक में लगभग ९० लोगो की मौत हो गई थी, जबकि ३५० से अधिक लोग घायल हो गए थे । बता दे कि आतंकी संगठन आईएसआईएस ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी । २००१ के बाद अफगानिस्तान में यह सबसे बडे धमाके थे । इस धमाके के तकरीबन १५०० किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था और यह भारतीय दुतावास से महज १०० मीटर की दुरी पर किया गया था । इन धमाको में ५० से अधिक वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए थे । काबुल अटैक की वजह से ही अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट नहीं खेलने का फैसला लिया था ।