विधानसभा २०१७ के चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस द्वारा अपने तरीके से चुनाव प्रचार की व्यूहरचना और मोडेस ओपरेन्डी तैयार की गई हैं । लेकिन अमल में शासकपक्ष भाजपा की सत्ता में होने से आर्थिक लाभ मिल रहा हैं । पिछले साल की तुलना में देखे तो भाजपा इस साल २०१७ में गुजरात के स्थापना दिन, आगामी २१ जून योग दिन के उत्सव समेत विभिन्न उत्सवों के पीछे करोडो़ं रुपयो का खर्च कर लोगों में भाजपा तरफी माहौल खड़ा करने का प्रयास हो रहा हैं । जिसके पीछे गुजरात की जनता की वोटबैंक हैं । तब दूसरी तरफ अब कांग्रेस भी भाजपा के उत्सव, कटनीति को गंभीरता से लेकर उन्हें लोगो के सामने खुला करने की तैयारी कर रही हैं । आगामी दिनों में जनसभा या जन सम्मेलन समेत के कार्यक्रम में कांग्रेस लोगों के सामने भाजपा के खर्च की पोल खोलेगी । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा द्वारा आम तौर पर एक-दो दिन के उत्सव मनाए जाते हैं । लेकिन इस बार विधानसभा २०१७ के चुनाव को ध्यान में रखकर भाजपा में अपने उत्सवों में वृद्धि कर दी हैं । कुछ दिन पहले ही गुजरात पुलिस के कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र देने का कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसके करोडो़ं रुपयों का खर्च पर अपनी ब्रान्ड का मार्केटिग किया था । जिसके कारण इस दिन गुजरात का स्थापना दिन भी विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा १४ दिन तक मनाया गया । २१ जून को योगदिन पर रिकोर्ड ब्रेक लोगों को एकत्रित कर चार से पांच दिन उत्सव का आयोजन किया गया हैं । भाजपा की राजनीति पर कांग्रेस ने गुजरात की जनता के वॉकबैंक के तौर पर इस्तेमाल नहीं होने देने का निर्णय लिया हैं ।कांग्रेस प्रवक्ता मनोज दोशी ने कहा कि भाजपा जनता के पसीने की कमाई से राज्य में उत्सनव का आयोजन कर रही हैं।