गोडाउन में रखे कोमोडिटी के जत्थे का इन्स्योरन्स लिया होने के बावजूद नुकसान होने पर मुआवजा नहीं चुकाने से इन्स्योरन्स कंपनी के रवैये पर राज्य ग्राहक तकरार निवारण आयोग के सामने शिकायती कंपनी ने अर्जी की थी । जिसकी सुनवाई में आखिर में राज्य ग्राहक तकरार निवारण पंच के प्रिसाइडींग मेम्बर अतुल वकील और मेम्बर जेडी निर्मल की बैंच ने पूरे मामले में ओरिएन्टल इन्स्योरन्स कंपनी को मुआवजा देने की जिम्मेदारी की बात कीथी । आयोग के महत्वपूर्ण आदेश द्वारा फरियादी कंपनी को वार्षित ६ प्रतिशत ब्याज के साथ कुल ५४ लाख का मुआवजा चुकाने ओरिएन्टल इन्स्योरन्स कंपनी को आदेश दिया हैं । शिकायती ओसनीक सोल्वन्ट द्वारा एडवोकेट वर्षल पंचोली ने पेशकश करते हुए कहा कि शिकायती डीओसी (डे ओइल केक) के उत्पादक और डिलर एक्पोर्टर है कि वह सींग, सोयाबिन समेत संबंधित कोमोडिटी जत्थे का व्यापार और निकास के व्यवसाय के साथ जुड़े हैं । शिकायती को ओरिएन्टल इन्स्योरन्स कंपनी से स्पोन्टेनीयस कम्बशन और भूकंप के खतरे से संबंधित पोलिसी ४-१-२००९ से ३-१-२०१० के दौरान ली थी । इसके लिए शिकायती कंपनी ने इन्स्योरन्स कंपनी को १९९७३८ रुपेय प्रीमीयम चुकाया था । पोलिसी के दौरान कंपनी के गोडाउन में ७४९४.२५५ मेट्रीक टन रेप सीड्स का जत्था काला हो गया था और चेर्ड हो गया था । मूंगफली में भी यही स्थिति देखने मिली दिसके बाद नुकसानी के लिए ६८.७७ लाख का क्लेइम किया गया था । जांच करने पर ५४ लाख की नुकसानी का अंदाजा लगाया गया था ।