टीम इंडिया में मौजूदा समय में चल रहे कोच और कप्तान के मुद्दे पर विवाद के बीच बीसीसीआई की प्रशासक समिती से रामचंद्र गुहा ने इस्तीफा देकर सभी ने चौका दिया था । राम चंद्र गुहा को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पैनल में अहम जगह दी गई थी । अब इस मामले में कही और पहलू जुड़ते जा रहे हैं । खबरों की मानें, तो गुहा के अनुसार टीम मे कुछ खिलाडियों को ज्यादा महत्व दिया जा रहा हैं । यही कारण है कि अच्छा प्रदर्शन होने के बावजूद भी अनिल कुंबले का कॉन्ट्रैक्ट नहीं बढ़ा हैं । सीओए के चेयरमैन विनोद राय को लिखे अपने इस्तीफे में रामचंद्र गुहा ने साफ कहा कि अगर नियमों के हिसाब से चलें तो परफोर्मेस के आधार पर अनिल कुंबले का टर्म बढ़ाया जाना चाहिए । टीम ने पिछले समय में बढ़िया नतीजे दिए हैं, भले ही खिलाडियों को इसका क्रेडिट मिले लेकिन कोच भी इस सफलता का हकदार हैं ।गुहा ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि भारतीय क्रिकेट में सुपरस्टार कल्चर लगातार बढ़ रहा हैं । जिसके काऱण कुंबले के तौर तरीकों को सही नहीं समझा जा रहा था । गुहा के खत के अनुसार टीम का कोच कौन हो, इसका फैसला करने का अधिकार खिलाडियों के पास नहीं होना चाहिए । यह हक बीसीसीआई के अधिकारियों के पास ही रहना चाहिए । गुहा ने कहा कि अगर बीसीसीआई लगातार बढ़ रहे सुपरस्टार कल्चर को खत्म नहीं करता है तो आने वाले समय में उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता हैं । अगर किसी अन्य अधिकारी ने कभी टीम या खिलाड़ी के खिलाफ कोई भी अवाज उठाई तो सुपरस्टार खिलाड़ी उन्हें भी हटवा सकते हैं । हर्षा भोगले का कमेंटेटर्स की टीम में से हटना इसका ही एक उदाहरण हैं । यही नहीं राम चंद्र गुहा ने अपने पत्र में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा गठित टीम को किसी भी खिलाड़ी के ओहदे या उसके रिकोड्र्स के नजरिये से नहीं देखना चाहिए ।गुहा ने हितों के टकराव का मुद्दा उठाते हुए कहा कि एक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष जो कि मीडिया हाउस के साथ भी जुड़े हैं यह भी ठीक नहीं हैं ।
પાછલી પોસ્ટ