देश में डेटा के लगातार सस्ते होने से साल २०२३ तक इंटरनेट यूजर्स की संख्या करीब ४० प्रतिशत बढ़ जाएगी, वहीं स्मार्टफोन रखने वाले लोगों की संख्या दोगुनी हो जाएगी । मैकिन्से की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है । साल २०१३ से अब तक डेटा की लागत ९५ प्रतिशत घट चुकी है । रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्य डिजिटल क्षेत्र २०२५ तक दो गुना बढ़कर ३५५ से ४३५ अरब डॉलर हो जाएगा । मैकिन्से ग्लोबल इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट डिजिटल इंडिया-टेक्नॉलजी टू ट्रांसफॉर्म ए कनेक्शन नैशन में कहा कि भारत डिजिटल उपभोक्ताओं के लिए सबसे तेजी के बढ़ते बाजारों में से एक है । देश में २०१८ तक इंटरनेट के ५६ करोड़ यूजर्स थे जो कि सिर्फ चीन से कम है ।
रिपोर्ट के अनुसार देश में मोबाइल डेटा यूजर औसतन प्रति माह ८.३० जीबी डेटा का इस्तेमाल करते हैं । यह औसत चीन में ५.५० जीबी और दक्षिण कोरिया जैसे उन्नत डिजिटल बाजार में ८ से ८.५ जीबी है । उसने कहा, १७ परिपक्व और उभरते बाजारों के हमारे विश्लेषण से पता चला है कि भारत किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक तेजी से डिजिटल हो रहा है । उसने कहा कि सरकार की मदद से अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने में मदद मिली है । रिलायंस जियो जैसी निजी कंपनी के कारण २०१३ से डेटा की लागत ९५ प्रतिशत से अधिक कम हुई है ।
પાછલી પોસ્ટ
આગળની પોસ્ટ