मोनसुन को केरल और नोर्थ इस्ट में एक साथ एन्ट्री कर दी हैं । अहमदाबाद समेत गुजरात में मोनसुन की १६-१७ तक एन्ट्री हो सकती हैं । आगामी तीन दिन में कर्णाटक, तमिलनाडु और उत्तरपूर्व के विभिन्न हिस्सो को कवर कर दे ऐसी मौसम विभाग द्वारा चेतावनी दी गई हैं । बैंग्लोर समेत कर्णाटक के विभिन्न हिस्सों में तीन जून तक बारिश हो सकती हैं । ऐसे समय में आसाम के गुवाहाटी समेत पूर्वोत्तर भारत में भी मोनसुन पहुंचे ऐसी संभावना हैं । गोवा और हैदराबाद समेत तेलंगाणा और आंध्रप्रदेश में मोनसुन की ५-६ जून के दिन एन्ट्री हो सकती हैं । सामान्य गति से बढ़ रहे मॉनसुन की महाराष्ट्र के मुंबई, नागपुर तथा कोलकत्ता और भुवनेेश्वर समेत ओरिस्सा और पश्चिम बंगाल में ७ से १० जून तक मॉनसुन पहुंच सकता हैं । कुछ अन्य हिस्सों में मोनसुन का इन्तजार १२ से १६ जून के दिन पूरा होगा । उस समय वह भोपाल, पटना समेत मध्यप्रदेश, छत्तिसगढ़, झारखंड और बिहार में एन्ट्री कर लेगा । अहमदाबाद, अल्हाबाद, वाराणसी समेत गुजरात और पूर्वीय उत्तरप्रदेश के हिस्सों में १६ और १७ जून के दिन मोनसुन की एन्ट्री हो ऐसी संभावना दिखाई दे रही हैं ।देश की राजधानी दिल्ली, आगरा और जयपुर के साथ उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में २४ और २८ जून के बीच मोनसुन पहुंच सकता हैं । राजस्थान के अन्य हिस्से, पंजाब और हरियाणा मे जुलाई के पहले सप्ताह में मोनसुन पहुंच सकता हैं । १५ जुलाई तक मोनसुन देश के सभी हिस्सों मेैं पहुंच जाएगा । स्कायमेट के मोनसुन अंदाज अनुसार इस साल मॉनसुन सामान्य रहे ऐसी संभावना हैं । करीब ९५ प्रतिशत बारिश होगी । देश मे बारिश की उत्सुकतापूर्वक इन्तजार हो रहा हैं । आगामी दो तीन दिन में आतंरिक कर्णाटक, तमिलनाडु उत्तर पूर्वीय राज्यों में मोनसु की एन्ट्री हो जाएगी । सामान्य तौर पर एक जून के दिन केरल में समुद्रीय तट इलाको में मोनसुन की एन्ट्री होती हैं । उम्मीद की जा रही हैं कि जून के पहले सप्ताह मे देश के दक्षिणी और पश्चिमी हिस्से में भी मोनसुन की एन्ट्री हो जाएगी । मौसम विभाग ने इस बार सरेराश बारिश ९६ प्रतिशत रहने की चेतावनी जारी की हैं । साल २०१४-१५ और २०१५-१६ में लगातार दो साल तक अच्छी बारिश होने प इस साल भी अच्छी बारिश होने की संभावना व्यक्त की जा रही हैं । मौसम विभाग द्वारा दी गई चेतावनी लोगों के लिए सकेत हैं । अर्थतंत्र के लिए भी अच्छी खबर हैं । उल्लेखनीय है कि पिछले साल मौसम विभाग ने सरेराश से अधिक बारिश की चेतावनी जारी की थी । जिसे बाद में बदलकर सरेराश किया गया था ।