राज्य के सुखाग्रस्त इलाकों की समीक्षा करने आज राज्य सरकार बैठक में महसुल मंत्री भूपेन्द्रसिंह चूडासमा की अध्यक्षता में वरिष्ठ मंत्री और उच्च अधिकारियों की बैठक में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के मार्गदर्शन में दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं । राज्य में सिंचाई, पीने का पानी और पशुधन के लिए घासचारें की संभावित आवश्यकता को ध्यान में लेकर राज्य सरकार के दो महत्वपूर्ण निर्णय मुख्यमंत्री रुपाणी की सूचना से एक जून से सरदार सरोवर नर्मदा योजना कमांड इलाकें में खरीफ के आयोजन के लिए सिंचाई का पानी छोडने का निर्णय लिया गया है । जबकि दूसरा निर्णय राज्य के अछतग्रस्त १९ जिले के रजिस्टर्ड हुए पांजरापोल और गौशाला के पशुधन को प्रतिदिन प्रति पशु चार किलो घासचारा दो रूपये में देने का निर्णय लिया है । अछत राहत पर राज्य सरकार पेटा समिति की आज जलआपूर्ति मंत्री बाबूभाई बोखिरिया तथा संबंधित उच्च अधिकारियों की उपस्थिति में गांधीनगर में हुई बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार खरीफ मौसम में बुवाई के लिए नमर्दा कमांड इलाके में आते जिले नर्मदा, भरुच, पंचमहाल, छोटाउदेपुर, बडौदा, खेडा, अहमदाबाद, महेसाणा, बनासकांठा, पाटण, गांधीनगर, भावनगर, बोटाद, मोरबी, सुरेन्द्रनगर जिले में खरीफ मौसम के लिए आवश्यकता होने पर चार लाख हेक्टर इलाके में नर्मदा का पानी खरीफ सिंचाई के लिए दिया जा सकेगा । राज्य में अछतग्रस्त घोषित किए गए गांवों में सुरेन्द्रनगर के चोटीला तहसील के छह गांव, राजकोट जिले के विछिया तहसील के १२ गांव मिलाकर कुल १८ गांव शामिल है जिनमें राहत किंमत पर घासचारा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है ।
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