रेलवे ने अपने पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर रेल नीर का प्रॉडक्शन बढाने के लिए ६००० करोड का इनवेस्टमेन्ट प्लान तैयार किया है । रेलवे के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि प्रॉडक्शन बढाने के लिए अगले तीन साल में हमारी योजना ६००० करोड रुपये निवेश करने की है । नीर फिलहाल सिर्फ स्टेशनों पर बेचा जाता हैं और वहां भी रेल विभाग पूरी मांग का सिर्फ २० फीसदी की पूरा कर पाता है । रेलवे का इरादा जब प्रॉडक्शन को बढाकर १०० करोड बोतल सालाना करने का है । साथ ही वह स्टेशनों के बाहर भी इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करना चाहता है । रेलवे के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि, इसे ओपन मार्केट में बेचकर इसे मास ब्रांड बनाने की भी योजना है । हालांकि, पहली प्राथमिकता रेलवे से जुडे मार्केट की जरूरतें पूरी करने की है, जो अपने आप में व्यापक है । रेल मुसाफिरों के बीच इस ब्रांड की जबरदस्त विश्वनीयता है । लिहाजा, ब्रांड वैल्यू पहले ही काई ऊंची है, जिसे हम भुना सकते हैं । फाईनैंशल इयर २०१७ में रेल नीर का रेवेन्यू १५० करोड रुपये था । रेल नीर का प्रॉडक्शन आईआरसीटीसी करती है, जो भारतीय रेल की केटरिंग इकाई है । पैकेज्ड वॉटर ब्रांड के मुख्य मार्केट में सभी ७००० स्टेशन और १००० से भी ज्यादा पैसेंजर ट्रेन शामिल है । नीर की उपलब्धता नहीं होने के कारण ही बाकी ब्रान्ड्स को स्टेशनों और ट्रेनों में पानी बेचने की इजाजत है । आईआरसीटीसी के पास देशभऱ में फिलहाल रेल नीर के ७ प्लान्ट्स हैं और उसकी योजना पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत ६ ऐसे और प्लान्ट तैयार करने की है । ये प्लान्ट देशभऱ में बनाए जाएंगे । अधिकारी ने बताया कि रेलवे टिकट पर सर्विस सार्ज खत्म किए जाने के बाद आईआरसीटीसी के रेवेन्यु सेगमेंट में गिरावट आई है । सर्विस चार्ज नहीं लिए जाने के कारम ५०० करोड रुपये का सालाना नुकसान है, जिसकी कुछ हद तक भरपाई नीर की उपलब्धता बढाकर की जा सकती है । आईआरसीटीसी को नीर की बिक्री पर १.५ रुपये प्रति बोतल का लाभ होता है । एक लीटर वाले बोतल की कीमत १५ रुपये है और आधा लीटर की कॉस्ट १० रूपये हैं । आईआरसीटीसी के टोटल रेवेन्यू में तकरीबन १० फीसदी हिस्सेदारी रेल नीर की है ।
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