क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने शुक्रवार को कहा कि वर्ष २०१९ और २०२० में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर ७.३ फीसदी रहने का अनुमान है । मूडीज ने कहा कि वैश्विक विनिर्माण व्यापार की वृद्धि दर सुस्त पड़ने से अन्य प्रमुख एशियाई अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत के समक्ष अपेक्षाकृत कम जोखिम है । रेटिंग एजेंसी ने कहा कि देश अगले दो साल के दौरान अपेक्षाकृत स्थिर गति से वृद्धि करेगा । एजेंसी ने २०१९ और २०२० के लिए तिमाही वैश्विक सूक्ष्म परिदृश्य में कहा, हम दोनों साल के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के करीब ७.३० फीसदी की दर से वृद्धि करने का अनुमान करते हैं । मूडीज आर्थिक वृद्धि के पूर्वानुमान का आकलन कैलेंडर वर्ष के आधार पर करता है । हालांकि भारत आर्थिक वृद्धि की गणना वित्त वर्ष के आधार पर करता है । एजेंसी ने कहा कि २०१९-२० के अंतरिम बजट में किसानों के लिए प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण कार्यक्रम तथा मध्यम वर्ग को कर राहत की घोषणा से जीडीपी की वृद्धि दर करीब ०.४५ प्रतिशत तेज होगी । मूडीज ने कहा, इन कदमों से राजकोषीय नुकसान के बाद भी निकट भविष्य में उपभोग बढ़ने से आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा। भारत में इस साल चुनाव से पहले सरकार के खर्च की घोषणा से निकट भविष्य की आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा । उसने कहा कि रिजर्व बैंक के पिछले साल कुछ सख्ती के बाद मौजूदा मौद्रिक नीति का रुख बरकरार रखने में सक्षम रहने का अनुमान है । मूडीज ने बैंक क्षेत्र के बारे में कहा कि कुल मिलाकर बैंकिंग प्रणाली में सुधार हो रहा है, लेकिन अब भी यह अर्थव्यवस्था पर बोझ बना हुआ है ।
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