अयोध्या में विवादास्पद बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मंनोहर जोशी और उमा भारती समेत बाकी आरोपियो के खिलाफ आरोप तय हो गए है । मंगलवार को विशेष सीबीआई अदालत ने आरोपियो के खिलाफ सेक्शन १२० बी (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप तय किए । आरोपियो ने डिस्चार्ज एप्लिकेशन देकर अपने खिलाफ चार्ज खारिज करने की मांग की थी । उनका कहना है कि मस्जिद गिराए जाने में उनकी कोई भूमिका नही है । कोर्ट ने यह मांग खारिज कर दी । इससे पहले, उन्हें इस मामले में अदालत से जमानत मिल गई । आरोपियो को ५०-५० हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी गई । बीजेपी के इन तीन बडे नेताओ के अलावा विनय कटियार, विहिप नेता विष्णु हरि डालमिया और हिदुत्ववादी लीडर साध्वी ऋतंभरा को बेल मिली । इससे पहले, युपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनउ के वीवीआईपी गेस्ट हाउस जाकर आडवाणी और अन्य बीजेपी नेताओ से मुलाकात की । योगी ने यह मुलाकात ऐसे वक्त में की है, जब वह एक दिन बाद ही वह अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन करेंगे । बाद ऐसा करने वाले वह पहले सीएम होगे । माना जा रहा है कि योगी आने वाले वक्त में अयोध्या से चुनाव भी लड सकते है । वही, डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी बीजेपी नेताओ से मिलने के लिए गेस्ट हाउस पहुंचे । कोर्ट की कार्रवाई ११ बजे शुरु होने वाली थी, लेकिन इसमें देरी हो गई । कोर्ट परिसर में सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए थे । संबंधित पक्षो को छोडकर किसी को अंदर जाने की इजाजत नही दी गई थी । मीडीयावालो को भी कोर्ट परिसर से बाहर से ही रिपोर्टिग की इजाजत थी । इस बीच, केंद्रीय मंत्री उमा भारतीने कोर्ट के फैसले के पहले एक बार दोहराया कि यह साजिश नही, आंदोलन था । वही, रामविलास वेदांती ने माना कि उन्होंने ही विवादित मस्जिद गिराया है और उन्हें इस बात का कोई गिला नही है । वेदांती ने दावा किया कि पुरा देश राम मंदिर निर्माण चाहता है । बता दे कि अदालत अयोध्या में विवादित मस्जिद गिराए जाने से जुडे दो अलग अलग मामलो की सुनवाई कर रही है ।