पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर कुलभूषण जाधव को तत्काल फांसी दिए जानी की मांग की गई है । याचिका में अदालत से अपील की गई है कि वह सरकार को पाकिस्तान के आंतरिक कानूनों के मुताबिक जाधव मामले पर जल्द से जल्द फैसला लेने का निर्देश दे । याचिका में यह अपील भी की गई है कि अगर जाधव को मिली फांसी की सजा को बदला नहीं जाता है, तो जल्द से जल्द उनकी सजा पर अमल किया जाए ।
पाकिस्तान के अखबार द डॉन की एक खबर के मुताबिक, यह याचिका मुाजामिल अली नाम के एक वकील की है । मुजामिल की इस याचिका को एडवोकेट फारूक नाइक ने कोर्ट में दायर किया है । नाइक पाकिस्तान पीपल्स (पीपीपी) के नेता और पूर्व सेनेट अध्यक्ष है । याचिकाकर्ता ने अदालत से यह स्पष्ट करने की अपील की है कि जाधव केस में कानून के मुताबिक कार्रवाई की गई और सभी कानूनी प्रक्रियाओं पर अमल किया गया । याचिकाकर्ता ने यह साफ करने को भी कहा है कि भारत की मांगो के मुताबिक जाधव को वकील की सेवा भी उपलब्ध कराई गई थी । इस याचिका में प्रांतीय सरकार, आंतरिक एवं कानून सचिव और पाकिस्तान आर्मी ऐक्ट (पीपीए) १९५२ के अंतर्गत गठित कोर्ट ऑफ अपील को रसपॉन्डेंट बनाया गया है । याचिका में जाधव की मां का जिक्र करते हुए कहा गया है कि उन्होंने २६ अप्रैल को पीपीए के सेकशन १३१ और १३३ (बी) के अंतर्गत एक अपील दायर की थी । सेक्शन १३१ के मुताबिक, ऐसा कोई शख्स जो कि कोर्ट मार्शर द्वारा दिए गए फैसले से संतुष्ट नहीं है और उसे लगता है कि उसके साथ न्याय नहीं हुआ, वह सरकार या फिर सेना प्रमुख के सामने याचिका दायर कर सकता है । सेक्शन १३३ (बी) के अनुसार, मिलिट्री कोर्ट ने जिस इंसान को मौत या आजीवन कारावास की सजा सुनाई हो, वह अदालत के फैसला सुनाने के ४० दिनों के अंदर इस निर्णय के खिलाफ अपील कर सकता है ।
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