यूपी में इस हफ्ते इनकम टैक्स छापों के दायरे में आए अफसरों के खिलाफ शिकंजा कसने जा रहा हैं । आयकर विभाग इनके खिलाफ जांच को आगे बढ़ा रहा हैं । विभाग प्रारंभिक जांच के बाद मुकदमा दर्ज करने की तैयारी में हैं । सूत्रों की मानें तो बुधवार को डाले गए छापों में ज्यादातर अधिकारियों के ठिकानों से आय से अधिक संपत्ति और बेनामी संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं । लिहाजा आरोपियों के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरु कर दी गई हैं । एक आरोपी अधिकारी के यहां छापे के दौरान करीब २.७० करोड़ की नगदी जब्त की गई । वहीं मेरठ में आरटीओ दफ्तर में तैनात एक क्लर्क के घर से २१ लाख रुपये कैश बरामद किए गए । सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग के पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि आरोपियों के पास यूपी के अलावा उत्तराखंड, दिल्ली और राजस्थान में बेनामी संपत्ति हैं । आरोपियों में से एक आईएएस अधिकारी का लखनऊ में फार्म हाउस होने का भी पता चला हैं । ज्यादातर बेनामी संपत्तियांे के ड्राइवर और चपरासियों जैसे मुलाजिमों के नाम पर दर्ज हैं । आयकर अधिकारियों को कुल सात बैंक लॉकर मिले हैं । इन्हें अभी खोला नहीं गया हैं । आयकर विभाग ने बुधवार को दो आईएएस अधिकारियों समेत उत्तरप्रदेश के चार नौकरशाहों के परिसरों पर छापा मारा था । इन नौकरशाहों के खिलाफ कर चोरी के आरोप थे । विभाग की कई टीमों ने लखनऊ, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मेरठ, बागपत, मैनपुरी और दिल्ली स्थित इन अधिकारियों के कम से कम १५ परिसरों पर छापा मारा । जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई । उनमें आईएएस अधिकारी एवं निदेशक हृदय शंकर तिवारी, आईएएस अधिकारी एवं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अतिरिक्त सीईओ वी के शर्मा और उनकी पत्नी एवं क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ममता शर्मा तथा विशेष सचिव एस के सिंह शामिल हैं ।