पिछले दो साल में देश की इकॉनोमी में एफडीआई (फॉरन डायरेक्टर इन्वेस्टमेंट) का फ्लो बढ़ना पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट मेक इन इंडिया की सफलता माना जा सकता हैं । इस प्रोजेक्ट को पीएम ने सितम्बर २०१४ में शुरु किया था । ऐसे में कुछ लोगों का मानना है कि आने वाले कुछ सालों में मेन इन इंडिया के तहत ही देश में सबसे ज्यादा रोजगार उत्पन्न हो सकते हैं । हाल में ईएंडवाय द्वारा किए गए सर्वे में यह बात सामने आई है कि सरकार ने इन्वेस्टमेंट प्रपोजल में जल्दी अप्रुवल के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए । सरकार ने कई प्रतिबंधों में बड़ी छूट दी हैं । भारत में निवेश को लुभाना और यह सब मिनिमम गवर्नमेन्ट और मैक्सिमम गवर्नेस के जरिए किया गया हैं । यही कारण है कि पिछले दो साल में भारत निवेशकों की गुड बुक में शामिल हो गया हैं । यहां तक कि चीन की मल्टीनैशनल कंपनियां भी भारत में निवेश करने से खुद को रोक नहीं पाई । इसके बाद चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ने सरकार को चेताया कि यदि भारत में विदेशी निवेेश इसी तरह बढ़ता रहा तो आने वाले समय में चीन का इसका खामियाजा भुगतना पडता हैं । मौके काफी है और कागजों पर एफडीआई के आंकड़े भी अच्छे हैं । ऐसे में जानकारों का कहना है कि धीरे धीरे इशके परिणाम भी खुद ही सामने आने लगेंगे ।
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