भले ही आज आप पेट्रोल ६५ रुपये लीटर में खरीद रहे हों, लेकिन ५ साल बाद यह आपको ३० रुपये लीटर या उससे कम मंें मिल सकता हैं । नई तकनीकों के उभार के चलते ईधन के तौर पर पेट्रोल पर दुनिया की निर्भरता कम होगी । इसके चलते पेट्रोल की कीमतों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिलेगी । अमेरिका के फ्यूचरिस्ट टोनी सेबा ने यह दावा किया है । टोनी ने ही कई साल पहले सोलर पावर की मांग में तेज इजाफे की भविष्यवाणी की थी । यह काफी हद तक सही साबित हुई हैं, जिस दौर में टोनी ने सोलर पावर की मांग बढ़ने का दावा किया था, उस वक्त आज की तुलना मंे कीमतें १० गुना थी । सिलिकॉन वैली के आंत्रप्रेन्योर टोनी सेबा आंत्रप्रेन्योरशिप और क्लीन एनर्जी मामलों के इंस्ट्रक्टर भी हैं । सोलर एनर्जी को लेकर टोनी की भविष्यवाणी सही साबित हुई, क्या पेट्रोल के मामले में भी ऐसा होगा । इस पर विश्वास करना फिलहाल थोड़ा मुश्किल लगता हैं । लेकिन उनकी ओर से दिए गए आंकड़े कुछ विश्वास जरुर जगाते हैं । टोनी के अनुसार सेल्फ ड्राइव कारों की तेजी से बढ़ती मांग के चलते ऑइल की डिमांड में जोरदार गिरावट आएगी और पेट्रोल के दाम २५ रुपये प्रति बैरल तक गिर सकते हैं । २०२०-२१ में ऑइल की डिमांड अपने पीक पर होगी । इसके बाद १० सालों के भीतर तेल उत्पादन का आंकड़ा १०० मिलियन बैरल से ७० मिलियन बैरल तक पहुंच जाएगा । इसके चलते कच्चे तेल की कीमत तेजी से गिरते हुए २५ डॉलर प्रति बैरल तक आ जाएगी । टोनी ने कहा कि लोग पुराने स्टाइल की कारों का इस्तेमाल करना बंद नहीं करेंगे । लेकिन इकॉनोमी में इलेक्ट्रीक कारों की हिस्सेदारी बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी । ये इलेक्ट्रीक वाहन खरीदने में भी सस्ते होंगे और इन्हें चलाना भी आसान होगा ।