वेस्ट यूपी के बुलंदशहर और बिजनौर जिलों के किसान इन दिनों खेती की नई तकनीक अपना रहे हैं । वे अपने खेतों में देशी शराब का छिड़काव कर रहे हैं । उनका मानना है कि इससे आलू और गन्ने की फसलों की पैदावार बढ़ जाती है । आलू का आकार बढ़ने के साथ ही कम समय में ज्यादा पैदावार होती है, वहीं गन्ने के लिए यह कीटनाशक का काम करता है । कृषि विभाग के अधिकारी किसानों की इस राय से बिल्कुल इत्तेफाक नहीं रखते । उनका कहना है कि आलू के ज्यादा उत्पादन में शराब की कोई भूमिका नहीं होती है पर किसान इसके इस्तेमाल को लेकर बेहद उत्साहित हैं । बुलंदशहर के बोहिछ गांव निवासी किसान लोकेश शर्मा बताते हैं, छह बीघा आलू की फसल में छिड़काव के लिए देशी शराब के एक क्वार्टर बोतल की जरूरत पड़ती है । मेरे पास १० एकड़ खेत है, ऐसे में मैंने ५०० रुपये खर्च किए । कम समय में बड़े आकार के आलू का ज्यादा उत्पादन होने से मुझे बहुत फायदा हुआ । इसी तरह बुलंदशहर में जमालपुर गांव के किसान ज्ञानी सिंह का कहना है, जब मैंने पहली बार इसके बारे में सुना तो थोड़ा झिझका पर प्रयोग करने का फैसला किया । एक बीघा आलू के खेत में मैंने देशी शराब का छिड़काव किया जबकि पांच बीघे में कीटनाशक और खाद का प्रयोग किया । इसके नतीजे आश्चर्यजनक थे । शराब के छिड़काव वाले खेत में पैदा हुए आलू दूसरे खेत के आलू के मुकाबले ज्यादा बड़े थे । इसने अपेक्षाकृत समय भी कम लिया । मैंने ने एक बीघा खेत में देशी शराब के दो क्वार्टर बोतल का इस्तेमाल किया था । बिजनौर में किसान शराब को महंगे कीटनाशकों के विकल्प के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं । मंदावर कस्बे के किसान धर्मेंद्र सिंह बताते है, मैं पिछले कुछ सालों से अपने गन्ने के खेत में शराब का छिड़काव कर रहा हूं और इसके बेहतर परिणाम सामने आए हैं । शराब में मौजूद एल्कोहल गन्ने की फसल को बैक्टीरिया और फंगसजनित रोगों से बचाने में मदद करता है ।
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