अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कांग्रेस के समक्ष अपने वार्षिक बजट में प्रस्ताव दिया है कि पाकिस्तान को अमेरिका की ओर से सैन्य उपकरणो की खरीद के लिए दिए जाने वाले अनुदान को कर्ज में तब्दील कर देना चाहिए । यह जानकारी वाइट हाउस ने दी है । बहरहाल, ट्रंप प्रशासन ने इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय विदेश मंत्रालय पर छोडा है । भारत और ब्रिटेन जैसे कई लोकतंत्रो में संसद में वित्त मंत्री खुद भाषण देते है, लेकिन अमेरिका में राष्ट्रपति के बजट प्रस्तावो को वाइट हाउस भेजता है । ट्रंप प्रशासन के पहले वार्षिक बजट को मंगलवार को अमेरिकी कांग्रेस के समक्ष जमा करा दिया जाएगा । वाइट हाउस में बजट प्रबंधन कार्य़ालय के निदेशक मिक मुल्वेनी ने सवालो के जवाब में कहा कि ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान समेत कई देशो कि लिए चलाए जा रहे अपने विदेशी सैन्य वित्तपोषण कार्यक्रम को मदद से बदलकर वित्तीय कर्ज कर देने का प्रस्ताव दिया है । बाद में वाइट हाउस ने स्पष्ट किया, यह उन विकल्पो में से एक है, जो प्रशासन की आंतरिक चर्चाओ में निकलकर आए है, लेकिन इस अनुरोध से फैसला नही हो जाता । वाइट हाउस ने कहा कि यदि जरुरत पडती है तो यह सैन्य उपकरण खरीदने के लिए पाकिस्तान को दिए जाने वाले मुल वित्तीय अनुदान के रुप में ही तब्दील हो जाएगा । वाइट हाउस ने कहा कि वित्तपोषण अनुदान के जरिए दिया जाता है या कर्ज के लिए सब्सिडी के तौर पर, विदेश मंत्रालय वही विकल्प चुनेगा, जिसके जरिए हमारी विदेशी मदद अमेरिकी राष्ट्रीय हितो को बढावा देती हो ।
इस कदम को ट्रंप प्रशासन की और से विदेशी मदद के बजट कम करने के प्रयासो के तौर पर देखा जा रहा है, ताकि अमेरिकी सेना के बढे हुए खर्च को पुरा करने में मदद मिल सके । मुलवाने ने कहा कि हालाकि इस्त्राइल और मिस्त्र जैसे देशो के लिए अमेरिका की सैन्य मदद अनुदान के रुप में ही रहेगी ।
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