खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने चार भारतीय कंपनियों और संस्थाओं को नोटीस जारी किया हैं । यह नोटिस उनके द्वारा अपने ब्रैंड में या ट्रेडमार्क के तौर पर खादी शब्द का इस्तेमाल करने को लेकर जारी किया हैं । इसका उद्देश्य खादी की खोई हुई पहचान को वापस से हासिल करना हैं । खादी ग्रामोद्योग एक स्वायत्त इकाई है और यह सुक्ष्म एवं लघु उद्योग (एमएसएमई) मंत्रालय के अंतर्गत आता हैं । पीएम मोदी के योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए अभियान की सफलता के बाद अब वह खादी को अंतरराष्ट्रीय ख्याति दिलाना चाहते हैं । मामले की सीधे तौर पर जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि सरकार खादी को भारत के अंतरराष्ट्रीय उत्पाद की पहचान दिलाने की तैयारी कर रही हैं, लेकिन कोई बड़ा फैसला लेने से पहले वह अपनी चीजो को सही कर रही है । खादी की वैश्विक पहचान से कई ग्रामीण कामगार अच्छी कमाई कर सकते हैं । एक सरकारी सूत्र के मुताबिक खादी की कोई भी पंजीकृत संस्था, कंपनी और संगठन अपने उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए खादी शब्द का इस्तेमाल कर सकती हैं लेकिन अपने ब्रैंड के रुप में नहीं । कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद सरकार की योजना खादी को दुनियाभर में क्लॉथ ऑफ इंडिया के नाम से ब्रैंड करने की हैं । उन्होने कहा कि इससे भारत की शक्ति बढ़ेगी । दुनियाभर में कराए गए एक सर्वे में सामने आया हैं कि योग के बाद खादी दूसरी ऐसी चीज ै जिसको लेकर गैर भारतीयों में भारत को लेकर सबसे ज्यादा क्रेज दिखाई दिया । केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि जो भी लोग खादी मार्क का सर्टिफिकेशन चाहते हैं हम कुछ नियम और शर्तो के आधार के साथ उन्हें देने के लिए तैयार हैं ।