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कश्मीर में शांति लाना अब बेहद चुनौतीपूर्ण : शरद यादव

जयदू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने कहा है कि कश्मीर खाटी में हालात अब हाथ से निकल गये है और सरकार इसे नियंत्रित करने में अक्षम है । शरद यादव विपक्षी दलों के समर्थन से कश्मीर पर एक सम्मेलन के आयोजन के लिए काम कर रहे हैं । यादव भाजपा के यशवंत सिंहा के अलावा कांग्रेस और वाम दलों के नेताओ से मुलाकात कर चुके हैं । सिन्हा उस गैर सरकारी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे जिसने वहां के हालात पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने के प्रयासों के तहत वहां का दौरा किया था । उन्होंने एक बयान में कहा कि घाटी में स्थिति बेहद गंभीर हो गयी है और पिछले तीन वर्ष में यह हाथ से निकल चुकी है । अब वहां शांति लाना बेहद चुनौतीपूर्ण है । राज्य आतंकवाद की गिरफ्त में है, ऐसा पिछले १५ साल में नहीं देखा गया था और सरकार इसे नियंत्रित करने में नाकाम है । उन्होंने देश के कुछ हिस्सो में गौरक्षकों द्वारा हिंसक मामलों और कथित जातिवादी हमलों का हवाला दिया और भाजपा से संबंद्ध संगठनों तथा समूहो पर इन अशांत गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप लगाया । वर्ष २०१४ के चुनाव में सत्ता में आने से पहले भाजपा ने जनता से जो ४२ बडे वादे किए थे, उन्हें पूरा नहीं करने के लिए राज्य सभा सांसद ने नरेंद्र मोदी सरकार पर भी निशाना साधा । उन्होंने कहा कि भगवा पार्टी ने सालाना दो करोड युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन वर्ष २०१४-१५ में केवल १.३५ लाख नयी नौकरियां दी गयी । यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा ने कहा था कि कृषि उत्पादन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) उत्पादन लागत से ५० प्रतिशत अधिक होगा । लेकिन कई किसान आत्महत्या करने के लिे मजबूर है क्योंकि उन्हें अपने उत्पादन एमएसपी से भी कम दर पर बेचने पड रहे हैं । उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ऐसी पहली सरकार है जिसने स्वास्थ्य एवं शिक्षा दोनों मंत्रालयों का बजट कम किया । उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार गरीबों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों के लिए नहीं बल्कि अमीरों और कुलीन वर्ग के लिए हैं ।

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