रुपये में ऐतिहासिक गिरावट से सांसत में फंसी सरकार के लिए महंगाई के मोर्चे पर राहत की खबर मिली है । थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जुलाई में घटकर ५.०९ फीसदी पर रही । सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इसकी प्रमुख वजह खाद्य सामग्री, फलों और सब्जियों कीमत कम रहना है । थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जून में ५.७७ फीसदी थी जबकि पिछले साल जुलाई में यह महज १.८८ फीसदी थी । वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ो के अनुसार, खाद्य क्षेत्र में थोक मुद्रास्फीति जुलाई में शून्य से २.१६ फीसदी नीचे रही जबकि जून में इसमें १.८० फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी । इसी तरह सब्जियों में थोक महंगाई जुलाई में १४.०७ घटी जबकि जून में इसमें ८.१२ फीसदी की वृद्धि देखी गई थी । वहीं, फलों के थोक भाव जुलाई में ८.८१ फीसदी घटे हैं जबकि जून में यह ३.८७ फीसदी बढ़े थे । दाल श्रेणी में थोक महंगाई शून्य से १७.०३ नीचे रही । हालांकि जून में यह शून्य से २०.२३ फीसदी नीचे थी । सोमवार को जारी आंकड़ो के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में घटकर ४.१७ फीसदी रही जो जून में ४.९ फीसदी थी ।
પાછલી પોસ્ટ
આગળની પોસ્ટ