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होटल मैनेजमेंट में बंपर प्लेसमेंट, इंजीनियरिंग में कम

प्लेसमेंट से संबंधित नए डेटा से चौंकाने वाला खुलासा है । इसके मुताबिक आर्किटेक्चर, इंजीनियरिंग या टेक्नॉलजी के ग्रैजुएट्‌स के मुकाबले होटल मैनेजमेंट के ग्रैजुएट्‌स के प्लेसमेंट के चांसेज काफी ज्यादा होते हैं । डेटा बताते हैं कि अन्य स्ट्रीम के मुकाबले इंजीनियरिंग और टेक्नॉलजी से ग्रैजुएशन करने वालों की संख्या ज्यादा है लेकिन प्लेसमेंट के मामले में पीछे हैं । इस डेटा से उद्योग जगत की शिकायत को बल मिलता है कि इंजीनियरिंग ग्रैजुएट्‌स घटिया गुणवत्ता के कारण रोजगार के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं । एआईसीटीई के तत्वाधान में संचालित होने वाली सात स्ट्रीम में से होटल मैनेजमेंट ऐंड कैटरिंग को छोड़कर सिर्फ मैनेजमेंट ही एक ऐसा प्रोग्राम है जिसमें पास होने वाले ५० फीसदी से ज्यादा छात्रों का प्लेसमेंट हुआ । २०१३ से २०१७ के बीच मैनेजमेंट में ग्रैजुएशन करने वाले छात्रों की संख्या ७.४ लाख थी जिनमें से ४.२ लाख का प्लेसमेंट हुआ । इस रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि होटल मैनेजमेंट में प्लेसमेंट सर्वाधिक करीब ७७ फीसदी जबकि इंजीनियरिंग में बहुत ही कम करीब ४४ फीसदी है । होटल मैनेजमेंट ऐंड कैटरिंग में लड़कों का दबदबा है । ८६ फीसदी सीटों पर दाखिला लड़कों का होता है । वहीं आर्किटेक्चर, और टाउन प्लानिंग में लड़कियां आगे है जहां लड़कियों के दाखिले का प्रतिशत ५२ फीसदी और लड़कों का ४८ फीसदी है । विशेषज्ञों का कहना है कि इस फील्ड में कम प्रतियोगिता होने और तेजी से बढ़ रही हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री को इसका श्रेय जाता है ।
टीमलीज सर्विसेज लिमिटेड की सह संस्थापक और एग्जिक्युटिव वाइस प्रेजिडेंट ऋतुपूर्णा चक्रवर्ती का भी मानना है कि बहुत से इंजीनियरिंग और एमबीए डिग्री धारक नौकरी योग्य नहीं होते हैं । वहीं होटल मैनेजमेंट ऐंड कैटरिंग के फील्ड में मौके के बारे में होटलिवेट के फाउंडर चेयरमैन मानव थडानी का कहना है कि अभी इस फील्ड में और भी संभावनाएं हैं ।

 

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