गुजरात के चार मंदिरों पर सोने की परत चढ़ाने की तैयारी की जा रही है । इन पर कुल ४०० किलो सोना चढ़ाया जाएगा, जिसकी कुल लागत लगभग १२० करोड़ रुपये आएगी । इसी क्रम में प्रसिद्ध अंबाजी मंदिर के मुख्य शिखर पर १४० किलोग्राम सोना चढ़ाया जाएगा । बताया जा रहा है कि भाद्रपद महीने की पूर्णिमा पर यहां आयोजित होनेवाले मेले से पहले यानी १५ अगस्त से पहेल यह काम पूरा हो जाएगा । इस पर्व पर लगभग १५ लाख लोग यहां दर्शन करने आते हैं । श्री अरासुरी अंबाजी माता देवस्थान ट्रस्ट के संचालक एस जी चावड़ा ने कहा, मंदिर की ऊंचाई १०८ फीट है, इसमें नीचे से ऊपर तक ६१ फीट सोने की परत लगेगी । बारिश की वजह से इस काम में थोड़ी देरी हो रही है । हमारा लक्ष्य था कि इस काम को अगस्त की शुरुआत तक पूरा कर लिया जाए, इसकी प्रक्रिया २०१०-११ में शुरू हो गई थी । हमने इसके लिएक अलग बैंक अगाउंट खोला और लोगों ने उसमें चंदा जमा किया और २०१२ में ही काम शुरू कर दिया गया ।
गांधीनगर के पास खोराज निवासी मुकेश पटेल नामक बिल्डर ने इस काम के लिए २५ किलो सोना दान किया । इससे पहले इसी तरह सोमनाथ मंदिर के लिए सूरत और मुंबई में हीरे का कारोबार करनेवाले ११० किलो सोना दान किया था, जिसके चलते मंदिर के शिखर पर सोने की परत चढ़ाई जा चुकी है । सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट के सचिव रह चुके और गुजरात के पूर्व मुख्य सचिव पी के लाहिड़ी ने कहा, ६० किलो सोना गर्भगृह के लिए इस्तेमाल किया जा चुका है । बाकी का सोना मंदिर के खंभों पर सोने की परत चढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा । गुजरात में मंदिरों पर सोने की परत चढ़ाने का काम स्वामीनारायण मंदिर से शुरू हुआ, जहां २०१२ में ७० किलो सोने का इस्तेमाल हुआ और अबतक कुल ९० किलो सोने की परतें चढाई जा चुकी है ।
गोपीनाथ मंदिर के महंत एस पी स्वामी ने कहा, २०० साल पुराना यह मंदिर भगवान स्वामीनारायण से संबंधित है इसलिए भक्तो के मन में यहा के प्रतिश विशेश आस्था है । यह भक्तों की आस्था ही थी यह राज्य का पहला ऐसा मंदिर बना जिसपर सोने की परतें चढ़ाई जा सकीं । बता दें कि स्वामीनारायण मंदिर पर २०१५ में ११५ किलो सोना चढाया गया ।
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