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શિક્ષણ

नोटबुक-किताब की कीमत में २० फीसदी की वृद्धि हुई

जून से शुरू हो रहे नये शैक्षणिक वर्ष की विद्यार्थियों से कोर्स संबंधित स्टेशनरी की खरीदी के लिए अभिभावकों को २० फीसदी बजट बढ़ा देना पड़ेगा । जीएसटी इफेक्ट के कारण इस वर्ष में नोटबुक और फुलस्केप चोपडा २० फीसदी महंगी हुई है । बच्चे स्कूल में एडमिशन ले तब से ही अभिभावकों पर आर्थिक बोझ शुरू होता है । स्कूल फीस, रिक्शा या वानकिराया, टयुशन, स्टेशनरी, स्कूलबैग सहित के खर्च वर्ष की शुरूआत में ही करना पड़ता है ।  इस वर्ष जीएसटी के कारण गत वर्ष की तुलना में किताब महंगे हुए हैं । कई व्यापारियों ने फुलस्केप चोपडा की कीमत कायम रखकर चोपडा में से ८ से १० पेज कर दिया है ।
शहर में विशेष करके गांधीरोड पुस्तक या चोपडा खरीदी का हब माना जाता है । पुस्तक बाजार में नोटबुक-किताब की खरीदी शुरू हो चुकी है । अधिकतर अभिभावक बच्चे की स्कूल के एक महीने पहले स्टेशनरी की खरीदी कर कर लेते है, जिसकी वजह से पाठयपुस्तक सहित की अन्य खरीदी का बजट दो महीने में बेचा जा सके । कई बार स्कूल खुलने के समय में भी स्टेशनरी की कीमत बढ़ जाने के कारण जल्दी से खरीदी शुरू हो जाती है । रेग्युलर फुलस्केप चोपडा की कीमत ३०० से ४८० रुपये प्रतिदर्जन है । नोटबुक की कीमत १२० से ३०० रुपये प्रतिदर्जन रहता है । यह दोनों पर जीएसटी पहले वेट टैक्स सिर्फ ६ फीसदी था । जो बढ़कर अब १२ फीसदी होता है ।
अहमदाबाद सहित के मुख्य शहरों में गुजरात बोर्ड और केन्द्रीय बोर्ड की निजी स्कूलों में कक्षा-१० और १२ के शिक्षाकार्य की शुरूआत हो चुकी है । सीबीएसई के कोर्स में भी नये शैक्षणिक वर्ष का शिक्षाकार्य शुरू हो चुका है । गुजरात स्टेशनरी एसोसिएशन के प्रमुख नरेश शाह ने बताया है कि, नोटबुक और फुलस्केप चोपडा में ए और बी ग्रुप के पेज आयेगा । पेपर की कीमत में प्रतिकिलो १० से २० रुपये की वृद्धि हुई है ।

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