कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को एक नोटिस जारी करके सरकारी जमीन पर महिला प्रशिक्षण केन्द्र चलाने के आधार के बारे में पूछा गया है । अमेठी की तिलोही तहसील के उपजिलाधिकारी अशोक शुक्ल ने आज यहां बताया कि पहले भी कई नोटिस जारी होने के बाद उन्होंने भी गत २२ अप्रैल को राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को नोटिस जारी कर पूछा था कि किन अभिलेखों तथा किस आदेश पर वह सरकारी जमीन पर प्रशिक्षण केन्द्र चला रहा है । हालांकि १५ दिन का समय मांगने के बाद भी अब तक जवाब नहीं दिया गया । मालूम हो कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस ट्रस्ट की अध्यक्ष हैं जबकि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी इसके बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के सदस्य हैं । शुक्ल ने बताया कि वर्ष १९८२ के आसपास जायस कस्बे में चकबंदी के दौरान कुछ जमीन गांव के लोगों के सार्वजनिक उपयोग के लिए सुरक्षित की गई थी । इस पर केवल सरकार का ही अधिकार हैं । यह तय होता था कि इसका सार्वजनिक उपयोग या बालिका विद्यालय खोलने, व्यवसायिक ट्रेनिंग के लिए किया जाएगा । उन्होंने बताया कि वर्तमान में इस जमीन पर १० हजार ३६० वर्ग मीटर क्षेत्र में राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के बैनर तले महिला प्रशिक्षण केन्द्र संचालित किया जा रहा है । प्रशासन जानना चाहता है कि किस आदेश और अभिलेख के आधार पर केन्द्र संचालन में सरकारी जमीन का इस्तेमाल किया जा रहा है । शुक्ल ने बताया कि इससे पहले जिला विकास अधिकारी अमेठी ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा था कि सरकारी प्रबन्धन की जमीन पर राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट की पहुंच कैसे बनी, इसके अभिलेख उपलब्ध कराए जाए, लेकिन कोई दस्तावेज मुहैया नहीं कराया गया । शुक्ल ने बताया कि उसके बाद मुख्य विकास अधिकारी ने नोटिस देकर जवाब मांगा तो भी कोई अभिलेख नहीं उपलब्ध कराये गये और एक माह का समय मांग लिया गया ।