सरकार के नोटबंदी के कदम के बाद से मंदी की मार झेल रहे रियल एस्टेट सेक्टर की सेल्स में बढोतरी शुरु हो गई है । चौथे क्वोर्टर में सेल्स और नए प्रोजेक्ट के लोन्च, दोनो अच्छे स्तर पर रहे जिसे इस मार्केट के नोटबंदी से पहले के स्तर पर लौटने की उम्मीद बनी है । २०१६-१७ के चौथे क्वोरर्टर में देश के टोप नौ मार्केट्स में रजिडेंशन सेल्स में १३ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई । रिपोर्ट के अनुसार, वोल्युम में बढोतरी में मुंबई, पुणे और बेंगलुरु का बडा योगदान रहा । इन तीनों शहरो की कुल सेल्स में हिस्सेदारी ५७ प्रतिशत की थी । चौथे क्वोर्टर में कुल रेजिडेंशल सेल्स बढकर ५१,७०० युनिट पर पहुंच गई, जो नोटबंदी की मार वाले इससे पिछले क्वोर्टर में ४३,५०० युनिट की थी । इन शहरों में नए प्रोजेक्ट के लोन्च में भी १९ प्रतिशत की बढोतरी हुई, जो पिछले आठ क्वोर्टर्स में सबसे अधिक है । चौथे क्वोर्टर में लगभग ५१,५०० युनिट लोन्च की गई । यह संख्या दिसंबर में समाप्त हुए इससे पिछले क्वोर्टर में ४३,२५० युनिट की थी । रेटिंग एजेंसी मुडीज इन्वेस्टर्स सर्विस के अनुसार २०१६ के चौथे क्वोर्टर में देश के रियल्टी सेक्टर में सेल्स वोल्युम वर्ष दर वर्ष आधार पर लगभग ४० प्रतिशत कम रही, जबकि नए लोन्च में करीब ६० प्रतिशत की कमी आई । एक्सपर्टस का कहना है कि नोटबंदी के बार बायर्स काफी सतर्कता से चल रहे थे और रियल एस्टेट कंपनिया इस दौरान नए लोन्च करने से बच रही थी ।
हालांकि, मार्केट के लगभग तीन वर्ष पहले के तेजी के स्तर पर जल्द पहुंचने की उम्मीद नहीं है, लेकिन सेल्स के आंकडो में अच्छी बढोतरी दिख रही है । नाइट फ्रैक इंडिया के सीएमडी, शिशिर बैजल ने कहा, मार्केट में नोटबंदी का असर कम हुआ है और यह रिकवरी के लिए तैयार दिख रहा है ।