गुजरात में रहते करीब ६२ लाख ब्राह्मणों के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक उत्कर्ष के लिए राज्य में ब्राह्मणों के लिए विशेष ब्रह्म विकास आयोग बनाने की मांग के साथ २६ जनवरी को शहर में गांधीआश्रम से गांधीनगर तक एक विशाल ब्रह्मकूच (ब्रह्म अधिकार रैली) का आयोजन किया गया है । ब्रह्म विकास आयोग आंदोलन समिति द्वारा आयोजित इस रैली में राज्यभर में से एक लाख से ज्यादा ब्राह्मण पहुंचने का अनुमान है, जिसे लेकर सरकार के सत्ताधीश भी इस बारे में चिंतित है । पाटीदार आंदोलन, ठाकोर समाज के आंदोलन बाद अब ब्रह्मसमाज द्वारा आंदोलन करने की वजह से सरकार के सत्ताधीश भी इस मामले में गंभीरता से विचार कर रहे है क्योंकि स्थानीय स्वराज्य के चुनाव निकट में है और आनेवाले वर्ष में लोकसभा का चुनाव आ रहा है, इसी वजह से ब्रह्मसमाज के फेक्टर को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सके ऐसा नहीं है । इस बारे में ब्रह्म विकास आयोग आंदोलन समिति के कन्वीनर और समस्त गुजरात ब्रह्म समाज राज्यस्तर के महामंत्री यज्ञेश दवे ने बताया है कि, ब्रह्म समाज शांतिप्रिय और समाज को कुछ अर्पित करनेवाला समाज है लेकिन वर्तमान परिस्थिति में सरकार द्वारा अन्य समाज की मांगों को पूरा करने में और अन्य समाज को हित बकरार रखने के लिए ब्राह्मण समाज जैसे भूल गया है, पहले ब्रह्म समाज द्वारा २०१५ में तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबहन पटेल और इसके बाद मुख्यमंत्री विजय रुपाणी को ब्रह्म विकास आयोग बनाने के मुद्दे पर पेशकश और मांग की गई थी लेकिन अभी तक कोई परिणाम नहीं आया है, इसी वजह से ब्रह्म विकास आयोग आंदोलन समिति को यह आंदोलन शुरूआत करना अनिवार्य हो गया है । जिसमें २६ जनवरी को एक लाख से ज्यादा ब्राह्मण गांधीआश्रम के पास सुभाषब्रिज नारायण घाट से, रिवरफ्रन्ट होकर डफनाला, केम्प-सरदारनगर, इंदिराब्रिज, कोबा सर्कल, इन्फोसीटी सर्कल की बाईं ओर घ-जीरो सर्कल और घ रोड होकर गांधीनगर सत्याग्रह छावणी पहुंचेंगे और बाद में सरकार के सत्ताधीशों को कोर कमिटी द्वारा ब्रह्म विकास आयोग की मांग के साथ सविस्तार आवेदनपत्र सौंपा जाएगा ।
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