रक्षामंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि भारत के कुछ इलाकों में अतिवादी लेफ्ट विंग द्वारा की जाने वाली हिंसा और सीमा पार से समय समय पर होने वाली घटनाएं कुछ व्यक्तियों के अतिवादी विचारों से कहीं ज्यादा गंभीर चुनौतियां है । जेटली ने कहा कि हमारे यहां समुदायों के बीच संबंधों के संदर्भ में ज्यादा गंभीर चुनौती नहीं है । उनसे हिंदू-मुस्लिम तनाव और भारत में आर्थिक विकास पर इसके प्रभाव के बारे में सवाल किया गया था । इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनैशलन फाइनेंस (आईआईएफ) में दिए अपने संबोधन में जेटली ने कहा कि मेरा मानना है कि भारत में चर्चा और व्यक्तियों द्वारा समय समय पर दिए जाने वाले बयान कुल मिलाकर शांतिपूर्ण होते हैं । एक बडे लोकतंत्र में अतिवादी विचारों वाले व्यक्ति होंगे, बयान दिए जाते हैं, ये दोनों तरफ से हैं । उन्होंने कहा कि जमीनी हकीकत यह है कि देश में कोई तनावपूर्ण या टकराव वाले हालात नहीं हैं । वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि अतिवादी लेफ्ट विंग द्वारा मध्य भारत के कुछ हिस्सों और आदिवासी इलाकों में की जाने वाली हिंसा की समस्या हैं । उन्होंने कहा कि यह एक बडी चुनौती है और इस तरह की हिंसा में निर्दोष लोगों की जान जाती है । रक्षा मंत्री ने कहा कि एक और चुनौती सीमा पार से आतंकी गतिविधियों और तनाव के जरिए समय समय पर होने वाली घटनाए हैं । जेटली ने कहा, समुदायों के बीच सोशल मीडिया पर बहस से कहीं ज्यादा बडी ये चुनौतियां हैं । उनका बयान पिछले दिनों के सुकमा नक्सली हमले के कुछ दिनों बाद आया है । हमले में सीआरपीएफ के २५ जवान मारे गए थे ।
પાછલી પોસ્ટ