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पड़ोशी देश में चुनाव : भारत के साथ क्या होगी असर

साल २०१८ में भारत के सामने पड़ोसी देशों से संबंधित कई नई चुनौतियां पेश आ सकती हैं । लगभग सभी पड़ोसी देशों में अगले १६ महीनों के दौरान चुनाव होने वाले है । भारत के साथ बनते-बिगड़ते रिश्तों के बीच कुछ देशों में सत्ता परिवर्तन की आहट भी सुनी जा रही है । डोकलाम विवाद सुलझाने में अहम भूमिका निभाने वाले विजय केशव गोखले अगले विदेश सचिव बनने जा रहे है । ऐसे में देखना होगा कि पड़ोसियों के साथ भारत के रिश्त आने वाले वक्त में किस दिशा में आगे बढ़ते है । नेपाल में २०१७ के दिसम्बर में ही फिर से केपी ओली प्रधानमंत्री बन चुके है जो भारत विरोधी और चीन समर्थक माने जाते है । पाकिस्तान में इसी साल जून के महीने में चुनाव होने वाले है । पाकिस्तान के साथ लगातार तनाव के हालात बने हुए है । मालदीव में सितम्बर में राष्ट्रपति चुनाव होना है । वहां के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन भी भारत के खिलाफ बोल रहे है । इसी तरह भूटान में भी इसी साल चुनाव होगा । डोकलाम विवाद के बाद भूटान की अहमियत भारत के लिए काफी बढ़ गई है । ऐसे में देखना होगा कि वहां की नई सरकार का भारत के प्रति क्या रुख रहता है । पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में भी २०१८ के अंत या २०१९ की शुरुआत में चुनाव होने के आसार है । भारत के लिए बांग्लादेश में होने वाले चुनाव बेहद अहम होंगे, क्योंकि भारत ने शेख हसीना और उनकी सरकार के साथ मिलकर काफी काम किया है और वहां भारी निवेश भी किया है । हसीना को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है । वहां के चुनावी नतीजे भारत के साथ द्धिपक्षीय रिश्तों और प्रादेशिक संबंधों पर निश्चित तौर पर असर डालेंगे । इसी तरह अफगानिस्तान में इस साल जुलाई में संसदीय चुनाव होंगे, राष्ट्रपति चुनाव अप्रैल २०१९ में होना है । २०१९ के लोकसभा चुनाव से पहले सिर्फ श्रीलंका को छोड़कर भारत के सभी पड़ोसी देशों के अंदरूनी समीकरण बदले हुए होंगे । अब चुनाव के बाद मालूम पड़ सकता है ।

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