कहने को तो हम २१वीं सदी के आधुनिक भारत में जी रहे हैं लेकिन अभी भी देश में कई समाज ऐसे है, जहां रूढ़िवादी मानसिकता कायम है और इसका असर समाज के प्रगतिशील लोगों के विकास पर भी पड़ रहा है । ऐसा ही एक समाज है कंजारभाट समाज । यहां आज भी शादी के बाद रूढ़िवादी परंपरा वर्जिनिटी टेस्ट से कपल्स को गुजरना पड़ता है । इस टेस्ट के इनकार किया तो समाज से बाहर निकाल दिया जाता है । ऐसे ही एक शादीशुदा जोड़़े को १० साल पहले इस टेस्ट से इनकार के बाद समाज से बाहर का रास्ता दिखा गया था । आज यह कपल वॉट्सऐप के जरिए अब इस समाज के लोगों में जागरूकता पैदा करने की कोशिश कर रहा है । कंजारभाट समाज की इस वर्जिनिटी टेस्ट परंपरा के तहत सुहागरात के समय पंचायत के लोग बेडरूम के बाहर बैठते है । बिस्तर पर सफेद चादर बिछा दी जाती है । अगली सुबह अगर चादर पर खून दिखा तो ठीक नहीं तो फिर दुल्हन पर कई तरह के आरोप लगने शूरु हो जाते है । उसे वर्जिन ही नही माना जाता । समाज की इस रूढ़़िवादी परंपरा के कारण कई परिवारों में मुश्किल स्थिति भी पैदा स्थिति भी पैदा हो चुकी है । वर्ष १९९६ में कृष्णा इंद्रेकर और अरूणा इंद्रकर ने शादी की । बाद में उन्होंने पंचायत की इस रूढिवादी परंपरा को मानने से इनकार कर दिया था । इसके बाद पंचायत की फरमान पर उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया ।