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नए साल से पहले लग सकती पुराने माल की सेल : जीएसटी लागू होने से हो़ड़ वाला नजारा दिख सकता

जीएसटी लागू होने से ऐन पहले पुराना स्टॉक निकालने की होड़ वाला नजारा एक बार फिर दिख सकता है । हालांकि कंपनियों और दुकानो में अब बहुत स्टॉक रह गया है, लेकिन ३१ दिसम्बर से पहले दो वजहों से प्री-जीएसटी स्टॉक बेच देने के दबाव बनने लगा है । एक तो पुरानी टैक्स रिजीम में खरीदे गए बिना बिल वाले माल पर इनपूट टैक्स क्रेडिट तभी मिलाग, जब यह माल जीएसटी लागू होने के छह महीने बाद तक बेच दिया जाए । दूसरा, पुराने एमआरपी पर स्टीकर लगाकर माल बेचने की छूट की मियाद भी ३१ दिसम्बर तक खत्म हो रही है । ट्रेड-इंडस्ट्री ने अभी से दोनों मामलों में डेडलाइन बढ़ाने की मांग शुरू कर दी है । माना जा रहा है कि गारमेंट और दुसरे ड्यूरेबल्स के बाजारों में अब भी बड़े पैमाने पर पुराना स्टॉक पर इनपूट टैक्स क्रेडिट के लिए २७ दिसम्बर तक ट्रान-१ फॉम भरने की हिदायत दी है और इसकी डेट बढ़ने की संभावना कम है, वहीं ट्रान-२ की नई डेडलाइन अभी तक घोषित नहीं हुई है । इन सबसे बीच असेसीज पर ज्यादा प्री-जीएसटी माल बेच देने का दबाव बढ़ रहा है । हालांकि, ३१ तक माल निकालने की होड़ उन छोटे डीलर्स में ही देखी जा रही है, जिनके पास एक्साइज पेड बिल या दुसरे डॉक्युमेंट नहीं है । बड़ी कंपनियां काफी हद तक क्लोजिंग स्टॉक की टेंशन से मुक्त हो चुकी है । फिर भी क्रिसमस और नए साल के फेस्टिव माहौल को भुनाने के लिए वे बचे-खुले माल पर ऑफर दे सकती हैं । माल निकालने की दूसरी वजह भी ट्रेडर्स की चिंता बढ़ा रही है । व्यापार संगठन कैट के आकलन के मुताबिक करीब ६ लाख करोड़ रूपये का पुराना बिना बिका स्टॉक मार्केट में है, जिस पर एमआरपी पुरानी है ।

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